अगर किसी किसान के पास केवल एक एकड़ जमीन है तो वह रोजाना पांच हजार रुपये की कमाई कर सकता है. यह बात सुनकर हैरानी जरुर होगी लेकिन ऐसा संभव है. आज हम आपको ऐसी खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको चंद दिनों में मालामाल बना देगी. तो आइए उसके बारे में विस्तार से जानें.
आधे एकड़ में फूलगोभी की खेती
अगर रोज पांच हजार की कमाई करनी है तो आधे एकड़ में फूलगोभी की खेती कर सकते हैं. ये 60-65 दिन में तैयार हो जाती है. इसकी खेती में खर्च भी बहुत कम होता है. वहीं, सितंबर के टाइम पर फूलगोभी की कीमत बाजार में 50 रुपये से ऊपर होती है. आधे एकड़ में फूलगोभी की खेती करने में करीब 10 हजार रुपये का खर्च आता है. वहीं, इतनी जमीन में लगभग 40 क्विंटल गोभी का उत्पादन हो सकता है. हर रोज करीब 100 किलो गोभी बेच सकते हैं. अगर होलसेल भाव के हिसाब से 25 रुपये किलो भी इसे बाजार में बेचें तो रोज 2500 रुपये केवल गोभी से कमा सकते हैं.
बाकी जमीन में इन सब्जियों की खेती
फूलगोभी के बाद जमीन के कुछ हिस्सों में टमाटर की खेती कर सकते हैं. ये मुश्किल काम नहीं है. टमाटर को तैयार होने में 50 दिनों का समय लगता है. बाजार में पूरे साल टमाटर के भाव अच्छे मिलते हैं. एक कैरेट टमाटर का बाजार में करीब 250 रुपये मिलता है. इस हिसाब से रोज चार कैरेट टमाटर बेचकर 1000 रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, कुछ हिस्सों में मिर्च की खेती करनी है. यह तैयार होने के बाद बाजार में कम से कम 20 रुपये किलो के हिसाब से बिकते हैं. ऐसे में रोज 30 किलो मिर्च से 600 रुपये की कमाई होगी. वहीं, खेत के बाकी बचे हिस्सों में धनिया, पालक ओर मूली की फसल भी लगाई जा सकती है. जिनसे हर रोज औसतन 2000 रुपये कमाया जा सकता है. इसी तरह, किसान इन सब्जियों की खेती से रोज 5000 रुपये कमा सकते हैं.
यह भी पढ़ें- फूलगोभी के रोग और उनका नियंत्रण
ज्यादा कमाई के लिए ये भी उपाय
वहीं, ज्यादा कमाई के लिए खेत के चारों तरफ से मेड़ लगाकर उनपर चार-पांच प्रकार के और फसल उगा सकते हैं. जैसे कि मेड़ में एक तरफ से करेला, दूसरी तरफ बीन्स, तीसरी ओर गिलकी की फसल लगाई जा सकती है. यह मेड़ खेतों की सुरक्षा के साथ किसानों की आय बढ़ाने में भी कारगर साबित होंगे. मेड़ पर लगे करेला, बीन्स और गिलकी से रोज कम से कम 1000 रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसी तरह, इन उपाय से किसान परंपरागत खेती से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
Share your comments