केले की खेती (Banana Farming) करने वाले किसानों के लिए लिए बेहद जरूरी खबर है, यदि आप केले की खेती करते हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि गुजरात और केरल में केले की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई है
दरअसल, यहां केले की फसल में एक विशेष प्रकार का रोग लग रहा है. इसकी वजह से केले की खेती से किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है.
केले में पाए जाने वाला इस रोग का नाम बीटिंग एंड ब्लास्ट (Beating And Blast) है. इस रोग की वजह से केले की फसल काफी प्रभावित हो रही है. इसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. आइये जानते हैं इस केले में पाए जाने वाले इस रोग से कैसे निजात पा सकते हैं.
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क्या है बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग ?- (What is Beating and Blast Disease?)
केले की फसल में पाए जाने वाला यह एक फफूंद नाशक रोग (Fungal Diseases) है. यह रोग केले के परिपक्व पत्तियों, मिड्रिब, पेटीओल, पेडुनेकल, (midrib, petiole, peduncle,) फलों के ऊतक पर दिखाई देती है
बता दें कि पहली बार केले के फल में यह रोग देश के कुछ राज्य में देखने को मिला है. यह रोग जब अत्यधिक बारिश होने की वजह से खेतों में अधिक मात्रा में पानी का भर जाता है और वातावरण में अधिक नमी आ जाती है, तब केले के फल में इस तरह का रोग लगता है. ऐसे में किसान भाई को केले की फसल का अधिक ध्यान देना चाहिए. आइए अब आपको बताते हैं कि कैसे इस रोग से फसल का बचाव किया जाए.
बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग से कैसे करें बचाव (How To Prevent Beating And Blast Disease)
केले में पाए जाने वाला यह रोग से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में जरुरी है कि इस रोग का बचाव सही समय पर किया जाए. यदि केले की फसल में इस रोग का प्रकोप हो जाए, तो इसके लिए आपको सबसे पहले बाज़ार में मिलने वाले Nativo /Caprio/Opera फफूंदनाशक में से कोई भी एक का चयन कर घोल बनाकर 15 दिन के अंतराल में 2 बार पौधों पर छिड़क दें. ध्यान दें यह छिड़काव केले के फलों के बंच को निकालने के बाद ही करना चाहिए. इस तरह आप बीटिंग एंड ब्लास्ट रोग से फसल का बचाव कर सकते हैं.
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