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आर्टीमीशिया की खेती से कम लागत में कमाएं बंपर मुनाफा!

देश में पारंपरिक खेती में बढ़ती लागत और कम मुनाफा होने की वजह से अब किसान अन्य फसलों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं, औषधीय पौधे की अब ज्यादा से ज्यादा खेती की जा रही है, इसी कड़ी में आपको आर्टीमीसिया पौधे की जानकारी दे रहे हैं. जिसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

राशि श्रीवास्तव
आर्टीमीशिया की खेती
आर्टीमीशिया की खेती

आर्टीमीशिया एक औषधीय पौधा है इस औषधीय फसल को पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती है, साथ ही खाद की भी बहुत अधिक जरूरत नहीं पड़ती है. किसान रबी और खरीफ की फसल के बीच बचे कम समय का सही इस्तेमाल कर सकते हैं, गर्मियों के मौसम में 3 महीने खाली पड़े रहने वाले खेतों में आर्टिमिसिया औषधीय फसल को उगाकर बंपर कमाई कर सकते हैं. औषधिय गुणों की बात करें तो इस पौधे से निकालने वाले एसेंशियल तेल का उपयोग इत्र बनाने, सौंदर्य प्रसाधन बनाने में, त्वचाविज्ञान में होता है और इसमें कवकनाशी गुण भी होते हैं. औषधिय गुणों की वजह से आर्टिमिसिया की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. आइये जानते हैं खेती करने का तरीका-

उपयुक्त जलवायु- खेती के लिए कम लंबाई वाले दिन की जरुरत होती है. सर्दियों और मध्यम गर्मियों में पौधा अच्छा पनपता है, उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सर्दियों की फसल के रूप में भी खेती कर सकते हैं. हालांकि कूलर जलवायु में उगाए जाने वाले पौधों में अच्छा उत्पादन माना जाता है. ज्यादा छाया और उच्च तापमान पौधे में आर्टेमिसिनिन को कम कर सकते हैं.

मिट्टी का चयन- सभी तरह की मिट्टी में खेती हो सकती है. काली, दोमट, रेतीली से लाल मिट्टी अच्छी मानी जाती है लेकिन जल भराव से मुक्त हो. हालांकि, जैविक पदार्थों से भरपूर एक अच्छी तरह की दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है. इसकी बेहतर उपज के लिए मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 8.5 होना चाहिए.

जमीन की तैयारी- जमीन को अच्छी तरह से भुरभुरी बनाने की जरुरत होती है. जमीन की 1.5 फीट गहरी जुताई करें, उसमे जैविक खाद को समान मात्रा में फैलाकर मिट्टी और खाद को मिलाएं. फिर मिट्टी को बारीक/ भुरभुरा बना लें.

रोपाई का समय- आर्टेमिसिया की फसल को 2 अलग-अलग मौसमों में उगा सकते हैं. पहली फसल बारिश के बाद वाले समय और दूसरा गर्मियों के दौरान. बारिश के बाद वाले मौसम में फसल के लिए सितंबर-अक्टूबर के दौरान नर्सरी में बुवाई कर सकते हैं जबकि गर्मियों में फसल की बुवाई का समय मार्च से जून के बीच का होता है, लेकिन पौधों की नर्सरी दिसंबर के आखिर में पूरी कर लेनी चाहिए.

रोपण- रोपाई से एक दिन पहले बेड़ों को सींचना होता है, 6-8 सप्ताह वाले स्वस्थ और समान आकार के पौधों को जमीन में लगाएं. पंक्तियों के बीच दूरी 30-60 सेमी हो और पौधे से पौधे की दूरी 45-60 सेमी की हो. आमतौर पर पौधों को शाम के समय लगाया जाता है रोपाई के बाद हल्की सिंचाई दी जाती है. रोपाई के 8-10 दिनों के भीतर गैप फिलिंग करना अच्छा माना जाता है, पौधे की मृत्यु दर से बचने के लिए हर जगह 2 पौधे लगाएं.

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सिंचाई- आर्टिमिसिया की फसल को अधिक पानी की जरुरत नहीं होती, इसकी खेती में पौधों को पानी 10-15 दिन के अंतराल में देना चाहिए, पानी देते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रहे कि खेत में जल भराव न हो, और जल भराव वाली भूमि में आर्टिमिसिया की खेती बिल्कुल न करें.

कमाई- आर्टिमिसिया के पौधों को तैयार होने में 3-4 महीने का समय लगता है, एक एकड़ के खेत में फसल उगाने के लिए 25 से 30 हजार रुपए का खर्च आता है. एक एकड़ के खेत में करीब 35 क्विंटल पत्तियों का उत्पादन होता है, जिससे किसान एक से सवा लाख तक की कमाई कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: Earn bumper profit with low cost from Artemisia cultivation Published on: 12 March 2023, 02:33 PM IST

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