देशभर में रबी सीजन में लहसुन की खेती की जाती है. वहीं मध्य प्रदेश में भी बड़े क्षेत्रफल में लहसुन की खेती होती है लेकिन किसानों के सामने अब बड़ी समस्या आ गई है. दरअसल, लहसुन की खड़ी फसल अचानक खराब होने लगी है. जिसके चलते किसान परेशान है. किसानों का कहना है कि उनकी खड़ी फसल बीमारी लगने के कारण सुख रही है. जिसकी शिकायत लेकर बड़ी संख्या में किसान कृषि वैज्ञानिकों के पास पहुंच रहे हैं. तो आइये जानते हैं कौन-सी बीमारियां है जो लहसुन की फसल को बर्बाद कर रही हैं.
एंथरेक्नोज बीमारी का प्रकोप
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मुकेश सिंह का कहना है कि लहसुन की फसल पर एंथरेक्नोज नामक बीमारी का साया है. जिसके कारण फसल एकाएक खराब हो रही है. इस बीमारी के कारण लहसुन पीली पड़ खराब हो जाती है. यह बीमारी लहसुन की फसल को बढ़े स्तर पर नुकसान पहुंचा रही है जिसके चलते किसानों को इन बीमारियों से अपनी फसल को बचाने के लिए जरुरी सलाह दी जा रही है.
रोकथाम
इस बीमारी की रोकथाम के लिए आक्सीस्ट्रोबिन के साथ डिफेनकोनोल 1 मिली प्रति लीटर का छिड़काव करें.
थ्रिप्स का प्रकोप
वहीं डॉ सिंह का कहना है कि लहसुन पर थ्रिप्स नामक रोग का भी प्रकोप है. इस बीमारी रोकथाम के लिए किसानों को सिंचाई कम कर देना चाहिए. साथ ही खड़ी फसल में यूरिया का छिड़काव नहीं करना चाहिए.
रोकथाम
थ्रिप्स और एफिड जैसी बीमारियों के रोकथाम के लिए डेफेंथियुरोन 50 डब्ल्यूपी 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें. थ्रिप्स और माइट कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल या डाइमेथोएट या मेटा सिस्टोकस का छिड़काव करें. इसके अलावा जल घुलनशील के लिए एनपीके 19-19-19 का छिड़काव करें. इसके अलावा मेटालेक्जील 4 % के साथ मैंकोजेब (64 प्रतिशत) का 40 ग्राम प्रति पंप के हिसाब से छिड़काव करें.
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