कुल्फा एक औषधीय पौधा है, ये एक पत्तेदार पौधा या सब्जी होती है, जिससे कई स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाये जाते हैं, इसकी पत्तियां और फल एंटीऑक्सीडेंट्स और कैरेटिनोइड्स का अच्छा स्रोत है, इसके फल में राइबोफ्लेविन, पाइरिडोक्सिन, फोलेट और नियासिन, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं, इन्हीं औषधीय गुणों के कारण कुल्फा की खपत भी काफी बढ़ी है, इसलिए किसानों ने इसकी सह-फसली खेती करना शुरु कर दिया है. बता दें कि कुल्फा को उगाना कोई मुश्किल काम नहीं है, ये पत्तेदार सब्जी बेहद कम मेहनत में बेहतर उत्पादन और बढ़िया पैसा दिलवा सकती है. ऐसे में आइये जानते हैं इसकी खेती के बारे में…
कैप्सूल जैसे होते हैं फल
कुल्फा एक पत्तेदार पौधा है जिसकी पत्तियां गोल होती हैं इस पौधे पर छोटे पीले रंग के फूल उगते हैं, जो कैप्सूल जैसे फलों का रूप ले लेते हैं फिर इन्हीं फलों से कुल्फा के चमकीले बीज मिलते हैं, जो खेती में काम आते हैं.
खेती का समय
कुलफा की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम मानसून का होता है, इसलिए जुलाई और अगस्त का महीना कुलफा की खेती के लिए सबसे अच्छा माना जाता है
उपयुक्त खेती मिट्टी
वैसे तो कुलफा की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि उचित जल निकासी वाली मिट्टी का ही इस्तेमाल किया जाए.
उपयुक्त जलवायु
कुल्फा के पौधे के लिए गर्म जलवायु सबसे ज्यादा उपयुक्त होती है ये पौधा धूप की तेज तपिश में भी डटकर खड़ा रहता है, इसलिए कुल्फा की खेती गर्मियों में ज्यादा की जाती है. जो किसान खरीफ सीजन की फसलें उगा रहे हैं वो कुल्फा की सह फसल उगा सकते हैं.
ऐसे लगाएं
कुल्फा की खेती करना या इसका पौधा लगाना बेहद आसान है. वैसे तो ये पौधा बिना मेहनत के सड़क और नहरों के किनारे उग जाता है. लेकिन बागवानी के लिए किसी नर्सरी से इसका स्वस्थ पौधा खरीद सकते हैं. चाहें तो कुल्फा के बीजों से भी पौधा बना सकते हैं. कुल्फा के पौधे को ग्रो बैग्स या गमले में उगाया जा सकता है, इसके पौधे में कीड़े और बीमारियों की संभावना नहीं होती. लेकिन जोखिम कम करने के लिए इसके उन्नत बीजों से ही बागवानी करनी चाहिये.
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6 हफ्तों में मिलेगा फायदा
बीज लगाने के बाद अनुकूल मौसम और वातावरण होने पर कुल्फा के बीज 4 से 10 दिन में अंकुरित हो जाते हैं. बीज लगाने के लगभग एक महीने बाद या 4 से 6 हफ्ते बाद फल कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. बाजार में इसके फलों को बेच कर किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. औषधीय गुण होने की वजह से कई कंपनियां भी इसकी पत्तियां और फलों को किसानों से लेती हैं. इसके एवज में वे किसानों को बढ़िया पैसे देते हैं.
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