मक्का में खरपतवार प्रबंधन कैसे करें, इसका जवाब हर किसान को पता होना जरूरी है, तभी वह मक्का की उन्नत खेती कर सकता है. खरीफ फसल सुरक्षा के तहत मक्का में खरपतवार नियंत्रण करने से ही मक्का किसान अच्छी उपज ले सकते हैं.
फसलों में खरपतवार नियंत्रण पर अगर ध्यान न दिया जाए तो उत्पादन में क्षति होती है.
खरीफ सीजन में मक्का की बुवाई से ही किसान खेत को खरपतवारमुक्त करते रहें. आज हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि किस तरह किसान मक्का या मकई की खरीफ फसल में वीड प्रबंधन यानी खरपतवार नियंत्रण (Weed Management in maize) कर अपनी उपज को बढ़ा सकते हैं और बिना किसी नुकसान के अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान आवश्यकतानुसार खरपतवारनाशी का उपयोग करें. मक्का फसल में खरपतवारनाशी के उपयोग के दौरान मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए और एक बार छिड़काव के बाद मिट्टी को न छेड़ें.
मक्का में रासायनिक विधि से खरपतवार नियंत्रण के तहत मक्का किसान एट्राजिन 1.5 कि.ग्रा. (एट्राटाफ 3.0 कि.ग्रा.) प्रति हैक्टेयर या 120 ग्राम प्रति कनाल की दर से बुवाई के तुरन्त बाद छिड़काव करें. इसके साथ ही यह छिड़काव फसल के अंकुरण से पहले भी किया जा सकता है.
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इसके साथ ही फसल में खरपरवार नियंत्रण के लिए किसान एट्राजीन 2 किग्रा. प्रति हेक्टेयर या 800 ग्राम प्रति एकड़ से भारी मृदाओं में तथा 1.25 किग्रा.प्रति हेक्टेयर या 500 ग्राम प्रति एकड़ हल्की मृदओं में, बुवाई के तुरन्त 2 दिन बाद में 500 लीटर/हेक्टेयर और 200 लीटर/एकड़ पानी में मिलाकर स्प्रे करें. इसके इस्तेमाल से फसल में घासकुल और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार पर नियंत्रण बखूबी किया जा सकता है. इससे किसान पथरचटा (ट्राइरगन्थिया) को भी नष्ट कर सकते हैं.
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