कुछ करने की चाह हो तो सफलता झक मार कर मिलती है. ठीक इसी बात का उदाहरण रायबरेली जनपद के शिवगढ़ क्षेत्र के तरौंजा गांव के रहने वाले हेरंब दीक्षित हैं. हेरंब दीक्षित लखनऊ की एक निजी कंपनी में बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट के पद पर तैनात थे, लेकिन कोरोना के समय जब सारी दुनिया ठहर गई तो वह भी अपने गांव वापस आ गए. जिसके बाद दोबारा उनका मन नौकरी करने का नहीं हुआ. उन्होंने अपने घर पर रहकर ही अपना स्वयं का दूध का व्यवसाय शुरू किया. जिससे आज वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
हेरंब दीक्षित ने करोना काल के बाद सही रणनीति के द्वारा अपना दूध का कारोबार शुरु किया जिसमें हेरंब को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली. आज सालाना हेरंब दीक्षित लाखों की कमाई करते हैं. साथ ही साथ वो अपने इस व्यवसाय से काफी खुश भी हैं. उनका मानना है कि वो जिस निजी कंपनी में काम कर रहे थे. उस कंपनी से ज्यादा सूकून खुद के कारोबार में है. इतना ही नहीं निजी कंपनी से सालाना जितना पैसा मिलता था खुद के व्यवसाय में उससे ज्यादा मिल जाता है.
करोना काल में कर्मचारियों की नौकरी जाने का डर
करोना काल संकट का काल रहा जिसे कोई भुला नहीं सकता. बड़ी-बड़ी कंपनियों को हालत पस्त हो गई. साथ ही साथ कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया. जिसकी वजह से कई कर्मचारी इधर से उधर पलायन करने लगे. अपने कार्यस्थल को छोड़ अपने घर गांव लौटने लगे. घर लौटने के बाद काफी लोगों ने खुद का कारोबार शुरु किया तो काफी लोगों ने बुरे वक्त के टल जाने का इंतजार किया.
पीएम नरेंद्र मोदी से स्वरोजगार की मिली प्रेरणा
हेरंब दीक्षित कहते हैं कि स्वरोजगार की प्रेरणा हमें पीएम नरेंद्र मोदी से मिली. जिसकी वजह से आज मुझे किसी दूसरे की नौकरी नहीं करनी पड़ी. आज मेरे पास सात भैंस एवं विभिन्न नस्ल की गायें हैं. जिनमें गिर, साहिवाल, एचएफ नस्ल की दस से अधिक गायें हैं. इन्हीं से प्रति दिन 100 लीटर दूध का उत्पादन होता है. जिससे सालाना 5 से 6 लाख रुपए की कमाई हो जाती है. साथ ही पशुओं के गोबर को एक जगह एकत्रित कर गोबर की खाद भी बनाई जा सकती है. जिसे अच्छे दामों में बेचकर उससे भी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.
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किसी कारोबार को करने के लिए आत्मविश्वास जरुरी है. अगर आप किसी व्यवसाय को करने के बारे में सोच रहे हैं, तो सबसे पहले खुद के निर्णय पर विश्वास करना सीखें और एक सही रणनीति बनाएं. साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि उस व्यवसाय से जुड़ी हुई सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं हैं. उससे संबंधित सरकार क्या- क्या सुविधाएं मुहैया करा रही है. ये सब जानकारी नये व्यवसाय में काफी मदद करेगी.
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