एक तरफ जहां पर देश में लोगों का रूझान खेती के प्रति कम होता जा रहा है तो वही दूसरी ओर कर्नाटक की 37 साल की गीतांजलि राजामणि एक ऐसी महिला है जो कि खेती में अलग तरीके अपनाकर अपने साथ ही दूसरों की आमदनी को बढ़ाने का प्रयास कर रही है. दरअसल गीतांजलि ने वर्ष 2017 में दो दोस्तो के साथ मिलकर स्टार्टअप कंपनी फार्मिजन शुरू की थी. इनकी कंपनी बेगंलुरू, हैदाराबाद और सूरत में काम कर रही है. दरअसल वह एक तरफ तो बराबर पार्टनरशिप करके उनसे जैविक खेती करवाने का कार्य कर रही है. दूसरी तरफ उनके खेत को 600-600 वर्गफुट के आकार में बांटकर ग्राहकों को 2500 रूपए प्रति माह की दर पर किराए पर दे देती है.
ग्राहक मोबाईल एप से प्लांट पसंद करते
सबसे खास बात यह है कि ग्राहक प्लांट मोबाईल एप से चुनकर पसंद की सब्जियों को लगवाने का कार्य करते है. जब सब्जियां तैयार हो जाती है तो फार्मिजन का वाहन ग्राहकों के घर तक उनको पहुंचा देता है.इससे दो फायदे प्राप्त हो रहे है सबसे पहली ग्राहकों को सत प्रतिशत आर्गेनिक सब्जियां घर बैठे ही प्राप्त हो रही है साथ ही दूसरी बात कि किसानों की कमाई भी तीन गुना तक बढ़ गई है. तीन माह पहले ही फार्मिजन ने जैविक फलों की डिलीवरी करने का कार्य भी शुरू कर दिया है.
किसान और ग्राहकों को मनाना बड़ी चुनौती
उनका कहना है कि हमें एक अनुभवी किसान नारायण रेड्डी भी मिले जिनका खेत उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेमाल के सहारे खराब हो रहा था. वह हमारे साथ ही कार्य करने को राजी हो गए है. उनका कहना है कि बाजार में जो भी गोभी मिलती उन्हें ब्लीच करके सफेद किया जाता है. यह बिल्कुल ठीक नहीं है. जैविक गोभी कीड़ों के लिए पूरी तरह से सेफ है तो यह आपके लिए भी सुरक्षित है.
फार्मिन का बिजनेस
फार्मिजन किसानों के साथ बराबरी की साझेदारी करने का कार्य करता है. किसानों को यह जैविक खेती पर सलाह देता है. यह आपको बीज और रोपे भी मुहैया करवाता है. छिड़काव के लिए नीम का तेल, अरंडी का तेल भी मुहैया कराता है. किसान सब्जियां उगाते है. स्टार्टअप उपज की मार्केटिंग करता है.
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