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1 एकड़ में करें सफेद चंदन की खेती, कुछ सालों बाद करोड़पति बना देगी

अपने औषधीय गुणों और ख़ास महक की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चंदन की हमेशा मांग बनी रहती है. ऐसे में चंदन की खेती किसानों को करोड़पति बना सकती है. लेकिन जानकारी के अभाव में किसान चंदन की खेती करने का जोखिम नहीं लेते हैं. यही वजह हैं कि हमने चंदन की खेती करने वाले महाराष्ट्र के सतारा जिले के पिम्पोड़े बुद्रुक गांव के प्रोग्रेसिव फॉर्मर राहुल जाधव से बात की और उनसे चंदन की खेती की पूरी जानकारी ली जो अन्य किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. बता दें कि राहुल जाधव ने 2016 में एक एकड़ में चंदन के पौधे लगाए हैं जिससे आने वाले सालों में भारी मुनाफा होगा. तो आइये जानते हैं उनसे चंदन की खेती की पूरी प्रक्रिया.

श्याम दांगी
Farmer Rahul Jadhav
Farmer Rahul Jadhav

अपने औषधीय गुणों और ख़ास महक की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चंदन की हमेशा मांग बनी रहती है. ऐसे में चंदन की खेती किसानों को करोड़पति  बना सकती है. लेकिन जानकारी के अभाव में किसान चंदन की खेती करने का जोखिम नहीं लेते हैं. यही वजह हैं कि हमने चंदन की खेती करने वाले महाराष्ट्र के सतारा जिले के पिम्पोड़े बुद्रुक गांव के प्रोग्रेसिव फॉर्मर राहुल जाधव से बात की और उनसे चंदन की खेती की पूरी जानकारी ली जो अन्य किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है. बता दें कि राहुल जाधव ने 2016 में एक एकड़ में चंदन के पौधे लगाए हैं जिससे आने वाले सालों में भारी मुनाफा होगा. तो आइये जानते हैं उनसे चंदन की खेती की पूरी प्रक्रिया.

सफेद चंदन की खेती क्यों करना चाहिए?

राहुल का कहना हैं कि सफेद चंदन की खेती किसानों को मोटा मुनाफा दिला सकती है. महज एक एकड़ में इसकी खेती करके दो से ढाई करोड़ रूपये की कमाई की जा सकती है. अपने औषधीय और खास तरह की खुशबू के कारण इसकी पूरी दुनिया में मांग रहती है. साल 2011-12 में लगभग 9200 टन चंदन की जरूरत थी लेकिन उत्पादन केवल 300 टन ही हुआ था.

कहां की जा सकती है चंदन की खेती

भारत के विभिन्न राज्यों के जंगलों में चंदन के पेड़ पाए जाते हैं. यह आपको विंध्य पर्वतमाला से लेकर कर्नाटक तथा तमिलनाडु में मिल जाएंगे. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की भूमि चंदन की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

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चंदन अर्द्ध परजीवी होता है

चंदन एक अर्द्ध परजीवी पेड़ होता है जो नाइट्रोजन, फास्फोरस और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्वों के दूसरे पौधों पर निर्भर रहता है. दरअसल, इसकी जड़ें हास्टोरिया की मदद से दूसरे पेड़ों की जड़ों से भोजन, पानी और खनिज तत्व प्राप्त करने में सक्षम हैं. यही वजह है कि चंदन के पेड़ों के बीच नीम, नागफनी, अमलतास, हरड़ और सिरीस के पौधे लगाए जाते हैं. वहीं इसके बीच में अरहर की खेती भी की जा सकती है.

चंदन की खेती के लिए मिट्टी

चंदन की खेती के लिए हल्की, काली लाल दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. खनिज पदार्थो की अधिकता और नमी वाली मिट्टी में इसकी ग्रोथ कम होती है. वहीं इसकी खेती के लिए उथली, चट्टानी मैदान, पथरीली, बजरी मिट्टी चुनेदार मिट्टी में भी अच्छी होती है. अधिक जलभराव और दलदली मिट्टी में इसे नहीं उगाया जा सकता है.

चंदन की खेती के लिए खेत की तैयारी

यदि आपके पास सिंचाई की व्यवस्था है तो आप चंदन के पौधे साल में कभी भी लगा सकते हैं. इसके पौधे लगाने के पहले एक गहरी जुताई की जाती है. इसके बाद मिट्टी की क्षमता को बढ़ाने के लिए 2 से 3 जुताई और की जाती है. पौधे लगाने के लिए 2X2X2 के आकार के गड्ढे खोदकर कुछ दिनों के लिए धूप लगने के लिए छोड़ देते हैं. जिसके बाद पौधों को 15X12 की दूरी पर लगाया जाता है. इस तरह प्रति एकड़ 242 पौधों की जरूरत पड़ती है.

कितना खर्च होता है

खर्च और मुनाफे का गुना भाग बताते हुए राहुल कहते हैं जिन किसानों के पास 10 एकड़ जमीन है वो निवेश के हिसाब से एक या दो एकड़ में चंदन की खेती कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं खर्च और मुनाफे का पूरा गणित. 

प्लांट खर्च-एक एकड़ में करीब 242 प्लांट की जरूरत पड़ती है और प्रति पौधे की कास्ट 90 रूपये पड़ती है. इस तरह एक एकड़ में पौधे लगाने में कुल  21,780 रूपये का खर्च आता है.

प्लांटिंग खर्च -प्रति पौधे की रोपाई का खर्च 30 रूपये आता है. जिसका कुल खर्च 14520 रूपये आता है.  

ड्रिप इरीगेशन-सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेश लगाया जाता है जिसपर 60 हजार रूपये का खर्च आता है.

सोलर इलेक्ट्रिक फेंसिग- इसमें तक़रीबन 1.5 लाख रूपये का खर्च आता है.

निराई और मिट्टी रखरखाव-इसमें 8 सालों तक तकरीबन 80 हजार रूपये का खर्च आता है. हर साल तकरीबन 10 हजार रूपये खर्च होते हैं.

सिंचाई खर्च-सिंचाई में हर साल 4 हजार रूपये का खर्च आता है. इस तरह 8 साल में 32 हजार रूपये का खर्च आता है.

आर्गेनिक खाद-जैविक खाद का खर्च हर साल 10 हजार रूपये आता है. इस तरह 8 साल का खर्च 80 हजार रूपये होता है.

सिक्योरिटी-चंदन की फसल सिक्योरिटी में हर साल लगभग 36 हजार रूपये का खर्च आता है. इस तरह 8 साल तक 2 लाख 88 हजार रूपये खर्च होते हैं.

कुल खर्च-इस तरह एक एकड़ में चंदन की खेती में तकरीबन 8 लाख रूपये का खर्च होता है.

 

चंदन की खेती से कमाई

12 से 15 सालों बाद प्रति पौधे से 12 किलो हार्टवुड का उत्पादन होता है. जो बाजार में 12 से 16 हजार किलो बिकता है. 200 पौधों से करीब 2400 किलोग्राम हार्टवुड का उत्पादन होता है तथा 12 हजार प्रति किलो के हिसाब से 2 करोड़ 88 लाख रूपये की कमाई होती है. 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

नाम -राहुल जाधव

मोबाइल नंबर -77750-64052

ब्रांड नाम-जाधव टेलरिंग फार्म

पता -  पिंपोड़े बुद्रुक,तहसील कोरेगांव, जिला सतारा, महाराष्ट्र.

English Summary: Cultivate white sandalwood in 1 acre, will make millionaire after few years Published on: 06 February 2021, 05:40 PM IST

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