रबी के सीजन में किसान सरसों की खेती करते हैं साथ ही सरसों की फसल (crop of mustard) को रबी की मुख्य फसल माना जाता है. ऐसे में सरसों की फसल में कई रोग व कीट का प्रकोप भी रहता है और किसानों को इनका नियंत्रण करना जरूरी हो जाता हैं क्योंकि ये कीट व रोग फसल को काफी हद तक नुकसान पहुंचाते हैं. आज हम एक ऐसे ही कीट के बारे में बताने जा रहे जो कि सरसों की खेती में अधिकतम फूल आने की अवस्था में मौसम में नमी तथा बादल होने पर होता है.
जी हाँ.. हम बात रहे हैं माहू कीट (aphid) की जो हरे, काले और पीले रंग का होता है एवं पौधे के विभिन्न भागों पत्तियों, शाखाओं, फूलों और फलियों का रस चूस कर नुकसान पहुंचाता है. इस कीट को हिंदी में फुदका और अंग्रेजी में एफिड्स कहा जाता है. यह माहू कीट एक उभयलिंगी कीट है. यानि यह कीट खुद ही प्रजनन कर लेता है. इस कीट का जीवन चक्र सात दिन का होता है तथा एक माहू 24 घंटे के दौरान लगभग 80 हजार बच्चे पैदा करता है.
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रबी के सीजन (rabi season) में कई क्षेत्र में सरसों की फसल लहलहा रही है, लेकिन किसानों को फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए इस कीट का नियंत्रण करना जरूरी हो जाता हैं. अगर समय रहते इस प्रकोप को खत्म नहीं किया गया, तो फसल के उत्पादन पर निश्चित रुप से प्रभाव पड़ सकता है. इस कीट का प्रकोप नवम्बर-दिसम्बर से लेकर मार्च तक बना रहता है.
Raj Singh
Kanpur, Uttar Pradesh
                    
                    
                    
                    
                                                
                        
                        
                        
                        
                        
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