Brinjal Farming: चीन के बाद भारत में बैंगन का उत्पादन/brinjal farming बड़े पैमाने पर किया जाता है. भारत में साल में 4 बार बैंगन/brinjal की खेती की जाती है. चीन और भारत के अलावा बैंगन एशियाई देशों में भी बड़े पैमाने में उगाया जाता है. वहीं इटली फ्रांस, मिस्र और अमेरिका जैसे देशों में भी बैंगन लोकप्रिय सब्जियों की श्रेणी में आता है. हमारे देश में प्रमुख बैंगन उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, कर्नाटक, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश हैं.
ऐसे में यदि आप भी बैंगन की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आ सकता है. क्योंकि कृषि जागरण के आज के इस आर्टिकल में हम आपको, ऐसी तीन बातों/ brinjal farming tips को बताने जा रहे हैं. जिनका इस्तेमाल कर के आप बड़े ही आसानी खेतों के साथ-साथ गमलों में भी बैगन से अच्छी उपज पा सकते हैं.
मिट्टी
बैंगन आमतौर पर अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाना पसंद करते हैं. इसलिए अगर आप गमले, या छत पर बैंगन की खेती करना चाहते है, तो सबसे पहले आपको गमले की मिट्टी में किसी अच्छे तालाब की मिट्टी को मिलाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ-साथ मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ मिट्टी से पानी का वाष्पीकरण कम होता है. जिसे मिट्टी के जल स्तर में वृद्धि और मिट्टी में वायु का संचार अच्छा होता है.
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वेस्ट और गोबर खाद
बैंगन की अच्छी उपज पाने के लिए, आपको रसोई से निकलने वाले ऑर्गेनिक वेस्ट और गोबर की खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि इनके इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता बढ़ती है और जैविक खाद में उपजाई गई फसलों में अधिक पोषक भी होते है.
कीटनाशक का इस्तेमाल ना करें
गमले में बैंगन की अच्छी उपज लेने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कीटनाशक के जगह पर आप बैंगन को कीटों से बचाने के लिए नीम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीम के तेल के अलावा, धतूरे और नीम की पत्तियों को भी आप एक साथ पीसकर एक लिक्विड बना बैंगन पर छिड़काव कर सकते हैं. क्योंकि ये नेचुरल और टॉक्सिक फ्री कीटनाशक आपके बैंगन को कीटों से बचाने के साथ-साथ उपज को बढ़ाने में भी मदद करेगी.
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