1. Home
  2. खेती-बाड़ी

बड़ी खबर: 6 साल के बाद पान की खेती पर मिलेगी सब्सिडी

पान की खेती करने वाले किसानों को 'उद्यान विभाग' की ओर से इस साल सब्सिडी देने की योजना है. 'राष्ट्रीय कृषि व पान विकास योजना' के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 500-500 वर्ग मीटर के 30 बरेजा निर्माण करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसके लिए किसानों को 50 फीसद तक की सब्सिडी मिलेगी. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को विभाग के पोर्टल www.uphorticulture.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

पान की खेती करने वाले किसानों को 'उद्यान विभाग' की ओर से इस साल सब्सिडी देने की योजना है. 'राष्ट्रीय कृषि व पान विकास योजना' के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 500-500 वर्ग मीटर के 30 बरेजा निर्माण करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसके लिए किसानों को 50 फीसद तक की सब्सिडी मिलेगी. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को विभाग के पोर्टल www.uphorticulture.gov.in  पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. किसान इस योजना का लाभ पाने के लिए 31 दिसंबर तक पोर्टल पर आवेदन कर सकते है. इस योजना का लाभ 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर दिए जाने का प्रावधान है. यानि सबसे पहले उन किसानों को वरीयता दी जाएगी जो पोर्टल पर पहले आवेदन करेंगे.

इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की तरफ से 'पर ड्राप मोर क्राप' योजना के तहत 'उद्यान विभाग' के द्वारा ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम पर 90 फीसदी तक अनुदान देय है. किसान ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग कर 40 फीसदी तक पानी की बचत के साथ उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. प्रगतिशील कृषक अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराते हुए इस योजना का लाभ ले सकते हैं.

काफी दिन बाद आयी योजना

गौरतलब है कि पान पर सब्सिडी की योजना 6 -7 वर्ष बाद आयी है. गाजीपुर जिले में इस बार 30 बरेजा निर्माण करने का लक्ष्य है. प्रत्येक बरेजा 500 वर्ग मीटर का होगा. एक इकाई की लागत 50 हजार 453 रुपये आएगी. जिस पर प्रदेश सरकार के तरफ़ से 25 हजार 262 रुपये अनुदान दिया जाएगा.

 - डा. एसके वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी.

विवेक राय  कृषि जागरण

English Summary: Big news: subsidies on paan farming after 6 years Published on: 07 December 2018, 05:19 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News