सूरजमुखी एक ऐसी फसल जिसपर न तो सूखे का असर पड़ता है और न ही तापमान का. यही वजह है कि रबी के साथ ही ख़रीफ़ और ज़ायद के तहत भी इसकी खेती की जा सकती है. यह एक ऐसी फसल है जो कम समय में पककर तैयार हो जाती है. कम समय में अच्छा उत्पादन देने की वजह से इसकी खेती बड़े पैमाने पर भी की जाती है.
सूरजमुखी की बुवाई का समय (Sunflower sowing time)
इस फूल की खेती का यह समय उचित है. इस समय भी किसान इसकी बुवाई कर सकते हैं. बेहतर मुनाफा देने वाली यह तिलहनी फसल नकदी खेती के तौर पर भी कृषि जगत और किसानों के बीच में जानी जाती है. किसान 15 फरवरी तक इसकी बुवाई कर सकते हैं.
सूरजमुखी के लिए ऐसे करें खेत की तैयारी (Prepare the field like this for sunflower)
किसानों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि खेत में अच्छी नमी हो. साथ ही मिट्टी भुरभुरी हो, ऐसा होने पर ही अच्छा उत्पादन संभव है. सिंचित खेत में पहले किसान जुताई करें. इसके बाद मिट्टी पलट हल से जुताई करें. वहीँ दूसरी जुताई डिस्क हैरो से करें.
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ऐसे करें सूरजमुखी की बिजाई (How to sow sunflower seeds)
सूरजमुखी के बीजों को लगभग 5 से 6 घंटों के लिए भिगों देना चाहिए. ऐसा करने से बीज जल्द अंकुरित होंगे. ध्यान रहे कि बीजों को भिगोने के बाद अच्छी तरह से छाँव में सूखा लें. साथ ही अगर किसान बाजोपचार भी करते हैं तो फसल को बीज जनित रोगों से बचाया जा सकता है.
सूरजमुखी की सिंचाई का समय (Sunflower irrigation time)
सूरजमुखी की खेती में पहली सिंचाई बुवाई के 20 से 25 दिन के बाद करनी चाहिए तो वहीँ दूसरी बार पौधों में फूल आने पर करनी चाहिए. बाद में किसान 15 दिन पर सिंचाई कर सकते हैं. बीज की मात्रा उन्नत किस्मों का 4 किग्रा (ई.सी.68415 सी) तथा संकर किस्मों का 1.5 से 2 किग्रा बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है.
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