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Sweet Potato Farming: क्यों ना इन सर्दियों में स्वादिष्ट शकरकंद की खेती की जाए?

स्वीट पोटैटो यानी शकरकंद सर्दियों में हमारे स्वास्थ्य के लिए उत्तम गुणकारी ही नहीं बल्कि अत्यंत स्वादिष्ट भी है. तो क्यों ना इसकी खेती कर जीवन भर शकरकंद का आनंद लिया जाए. इसकी मांग भी काफी अच्छी है जिससे आप के मुनाफे में इजाफा हमेशा होता रहेगा.

पिया कलवानी
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स्वीट पोटैटो यानी शकरकंद सर्दियों में हमारे स्वास्थ्य के लिए उत्तम गुणकारी ही नहीं बल्कि अत्यंत स्वादिष्ट भी है. तो क्यों ना इसकी खेती कर जीवन भर शकरकंद का आनंद लिया जाए. इसकी मांग भी काफी अच्छी है जिससे आप के मुनाफे में इजाफा हमेशा होता रहेगा.

मतलब स्वाद में उत्तम और मुनाफे में भी अति उत्तम है शकरकंद.

इसकी खेती आलू की फसल से काफी मिलती जुलती है. आलू में शकरकंद से कम स्टार्च होता है और शकरकंद विटामिन से भरपूर होने के साथ-साथ काफी मीठा होता है. इसकी गांठे अपने अंदर बीटा -कैरोटिन जैसा मुख्य स्रोत समेटे हुए होती हैं, जिन्हें एंटी एक्सीडेंट के रूप में दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाता है.

दिल का आकार लिए हुए शकरकंद के पत्ते और सदाबहार बेल जड़ी बूटियों के गुणों से भरी हुई होती है.

भारत की लगभग 2 लाख हेक्टेयर जमीन पर शकरकंद की खेती होती है जिसमे ढेर सारी शकरकंदी चादर जैसे फैली हुई है. शकरकंद एक मुलायम छिलके वाला लंबा और पतला फल है जिसे खाने से हमारा स्वास्थ्य बहुत खुश और तंदुरुस्त महसूस करता है. शकरकंद के छिलके अलग-अलग रंगों के पाए जाते हैं. जैसे भूरा, सफेद, जामुन, आदि.

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कहां होती है सबसे ज्यादा शकरकंद की खेती? (Where does the production of sweet potatoes take place the most)

भारत में ऐसे कई राज्य हैं जहां मुख्य रूप से शकरकंद की खेती की जाती है. जैसे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, बिहार और उड़ीसा.

शकरकंदी की खेती के लिए कैसी जलवायु की आवश्यकता होती है? (Best climate for sweet potato farming)

जिन जगहों पर 21 से लेकर 28 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रहता है वहां शकरकंदी की खेती उत्तम रहती है. जिन क्षेत्रों में 70 से 150 सेंटीमीटर सालाना बारिश होती है वहां शकरकंद की खेती आसानी से की जा सकती है.

किस भूमि या मिट्टी पर उन्नत शकरकंदी की खेती की जा सकती है? (Best soil for the cultivation of sweet potatoes)

शकरकंद उगाने के लिए उत्तम जल निकासी वाली चिकनी या फिर दोमट मिट्टी सबसे बेहतरीन मानी जाती है. भूमि के लिए उचित पी. एच 5.8 से 6.7 होता है. शकरकंद की गांठों का विकास अच्छे से होना बेहद जरूरी है इसीलिए हल्की रेतली और भारी चिकनी मिट्टी का प्रयोग ना किया जाए तो बेहतर है.

शकरकंदी की खेती से कितनी उपज होती है? (How much profit you can earn by the production of sweet potato)

शकरकंद को तैयार होने में लगभग 120 दिन लगते हैं. 1 एकड़ जमीन पर इस स्वादिष्ट फल की औसतन पैदावार 100 क्विंटल हो जाती है. बाजार के मोल भाव के हिसाब से शकरकंद की खेती करने वाला किसान एक हेक्टेयर से एक से डेढ़ लाख तक का मुनाफा आराम से कमा सकता है.

शकरकंदी खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं? (Health Benefits of eating sweet potato in Hindi)

  • शकरकंद हमारे शरीर में 90% विटामिन ए की पूर्ति करने में सक्षम है.

  • आयरन से भरपूर, शकरकंद हमारे शरीर में एनर्जी की कमी महसूस नहीं होने देता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है.

  • दातों, त्वचा, नसों और हड्डियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए विटामिन डी चाहिए होता है जो कि शकरकंद में भरपूर मात्रा में मिलता है.

  • कैलोरी और स्टार्च की सामान्य मात्रा रखने वाला शकरकंद हमें कोलेस्ट्रॉल और सिचुएटेड फैट से दूर रखता है.

  • विटामिन फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरा हुआ शकरकंद हमारे शरीर की काफी अच्छे से देखभाल कर लेता है.

  • किडनी के स्वास्थ्य का और तंदुरुस्त नर्वस सिस्टम की सक्रियता का ख्याल रखना भी पोटेशियम युक्त शकरकंद की एक महत्वपूर्ण भूमिका है.

हमारे स्वास्थ्य के लिए रक्षक की भूमिका निभाने वाले इस स्वादिष्ट फल की खेती से हम हमेशा सेहतमंद रह सकते हैं. केवल स्वास्थ्य के लिए नहीं बल्कि मुनाफे के नाम पर भी शकरकंद युवा किसानों के बीच एक बेहतरीन पसंद बनी हुई है. तो फिर क्या सोचा आपने - है ना शकरकंद की खेती एक बेहतरीन विकल्प!! शकरकंदी की खेती से जुड़ी और जानकारी के लिए मध्य प्रदेश के किसान श्रीमान नत्थुराम से 9785662511 पर संपर्क करें.

English Summary: Benefits of sweet potato and cultivation of sweet potato Published on: 07 November 2020, 06:15 PM IST

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