आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाएं. आप भी शायद यही सोचते होंगे कि एक पेड़ पर तो एक ही तरह का फल लग सकता है. लेकिन अगर हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताएं, जहां एक या दो नहीं बल्कि 40 अलग-अलग तरह के फल लगते हैं, तो क्या आप यकिन करेंगे.
एक पेड़ से 40 तरह के फल
आपको थोड़ी हैरानी हो सकती है, लेकिन दुनिया में एक ऐसा पेड़ भी है, जो 40 अलग-अलग तरह के फल देता है. यह पेड़ अमेरिका में है, जिसे विजुअल आर्ट्स के प्रोफेसर सैम वान अकन ने बनाया है. इसे वहां के लोग ट्री ऑफ 40 के नाम से भी जानते हैं. इस पेड़ में बेर, सतालू, खुबानी, चेरी और शफ़तालू का फल उगता है.
लाखों में है कीमत
इस पेड़ को खरीदने के लिए अभी तक लाखों रूपए की बोली लग चुकी है, लेकिन हर बार प्रोफेसर सैम इसे बेचने से मना कर देते हैं. इस पेड़ को तैयार करने में कई बहुत प्राचीन और दुर्लभ पौधों की प्रजातियों का भी सहारा लिया गया है.
ग्राफ्टिंग तकनीक से किया गया तैयार
इस पेड़ को प्रोफेसर सैम ने ग्राफ्टिंग तकनीक की मदद से तैयार किया है. इस तकनीक को हिंदी में कलम बांधना तकनीक भी बोलते हैं. इस तकनीक से एक ही पेड़ या पौधे में दो या दो से अधिक तरह के फल-सब्जी उगाई जा सकती है.
ऐसे तैयार होता है इस पेड़ का पौधा
प्रोफेसर सैम एक ही पेड़ में अलग तरह के फल उगाने के लिए ग्राफ्टिंग तकनीक के सहोयग से किसी अन्य पेड़ की कली का सहारा लेते हैं. वो किसी दूसरे कली को मुख्य पेड़ में छेद करके उसे लगा देते हैं. उसके बाद उस स्थान को पोषक तत्वों का लेप लगाकर एक समय के लिए छोड़ दिया जाता है. कुछ समय बाद टहनी धीरे–धीरे मुख्य पेड़ की जड़ में समा जाती है और उसमें फल–फूल आने लग जाते हैं. इस प्रकार उन्होंने कई प्रकार की कलियों से अनेक तरह के फल एक ही पेड़ से प्राप्त किए हैं.
भारत में भी मिल चुकी है सफलता
वैसे आपको बता दें कि भारत के लिए भी कलम तकनीक कुछ नया या विशेष नहीं है. यहां भी कई बार इस तकनीक के सहारे अलग-अलग तरह की उपज एक ही फसल से मिल चुकी है. अभी कुछ समय पहले की ही बात है जब भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने आलू और टमाटर एक ही पौधे से तैयार किए थे.
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