प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसे गर्मी हो या फिर सर्दी हर मौसम में खाया जाता है. इसलिए इसकी डिमांड बाजार में सालभर रहती है. यही वजह है कि देश के ज्यादातर सब्जी किसान इसकी खेती करते हैं.
प्याज की खेती तो वैसे किसी भी सीजन में की जाती है. लेकिन इसकी खेती के लिए रबी सीजन सबसे उपयुक्त माना जाता है. अभी रबी सीजन चल रहा है तो ऐसे में किसानों के लिए प्याज की खेती करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. इसलिए हम आपको इस लेख में प्याज की पांच उन्नत किस्मों की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसकी खेती कर किसान अच्छी पैदावार पा सकते हैं.
प्याज की अर्ली ग्रेनो किस्म
प्याज की अर्ली ग्रेनो किस्म की बुवाई से किसान प्रति हेक्टेयर तक 500 क्विंटल तक पैदावार पा सकते हैं. इसकी फसल 115 से 120 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म का प्याज हल्का पीला रंग का होता है इसलिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद के रूप में किया जाता है.
प्याज की पूसा रतनार किस्म
इस किस्म की बुवाई कर किसानों को प्रति हेक्टेयर 400 से 500 क्विंटल पैदावार मिल सकती है. इस किस्म की फसल 125 दिनों में बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म के प्याज का रंग गहरा लाल होता है.
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प्याज की हिसार-2 किस्म
इस किस्म का प्याज रोपाई के 175 दिनों बाद पककर तैयार हो जाता है. इस किस्म की बुवाई कर किसान प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं. इसका रंग गहरे लाल और भूरे रंग का होता है. साथ ही इसका स्वाद तीखा नहीं होता है. ऐसे में इसका इस्तेमाल सलाद में करना अच्छा होता है.
प्याज की पूसा रेड किस्म
लाल रंग के प्याज की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200 से 300 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है. ये 120-125 दिनों में पककर बाजार में जाने के लिए तैयार हो जाता है.
प्याज की पूसा व्हाईट फ्लैट किस्म
इस प्याज की किस्म की फसल रोपाई के 125 से 130 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. वहीं, इससे प्रति हेक्टेयर 350 क्विंटल तक उपज लिया जा सकता है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इस किस्म का प्याज उजला नजर आता है. जी हां, ये वही उजला प्याज है जिसे हम अक्सर बाजार में देखकर देखते ही रह जाते हैं.
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