केंद्र सरकार के द्वारा आम जनता से लेकर किसान भाइयों की आर्थिक मदद के लिए कई तरह की योजनाओं को शुरू किया हुआ है. इन्ही में से भारत सरकार ने डिजिटल क्रॉप सर्वे यानी ई-पड़ताल (E-Padtal) की योजना बनाई है. बताया जा रहा है कि जीपीएस युक्त ऐप के माध्यम से लेखपालों को सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी.
इस संदर्भ में जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति ने बताया कि भारत सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने फसलों को डिजिटल क्रॉप सर्वे के निर्देश दिए हैं. इस व्यवस्था के तहत सरकार एग्री स्टेट मोबाइल ऐप (Agri State Mobile App) जारी करेगी. लेखपाल खरीफ और रबी व जायद फसलों की बुवाई के बाद फसलों के सर्वे के लिए खेत पर जाएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किस गाटा में कौन सी फसल बोई गई हैॽ इसकी ना केवल बिंदुवार जानकारी फिट करेंगे, बल्कि मौके पर फोटो भी अपलोड करनी होगी. देखा जाए तो पहले ऐसा कुछ नहीं होता था. लेखपाल घर बैठे फसलों का आकलन खसरा पर दर्ज कर देते थे. उक्त पायलट प्रोजेक्ट में जिले के तहसील सहित कई मौजा शुरुआती दौर में शामिल किया गया है. सर्वे के फसल और रखने की सटीक जानकारी सरकार तक पहुंचेगी और गलत फसल लिखे जाने से किसानों को बीमा संबंधी दिक्कतें नहीं होंगी.
डिजिटल के दौर में घर बैठे फसलों को रिपोर्ट शासन को भेजकर बेफिक्र हो जाने वाले लेखपालों पर शामत आने वाली है. सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए फसलों के सर्वे को डिजिटल करने जा रही है. लेखपालों को खेत में जाना ही पड़ेगा. क्योंकि बिना खेत में गए हुए ऐप खुलेगा ही नहीं.
पवन कुमार प्रजापति जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि, केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों जिले के लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. खरीफ फसल के सर्वे का कार्य शुरू होना है. हालांकि अभी मोबाइल ऐप तैयार हो रहा है. इसके बाद लेखपाल सर्वे शुरू कर देंगे. रबी फसल के सर्वे में पूरी तरह से ऐप पर तैयार हो जाएगा.
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जिले के एक तहसीलदार का कहना है कि, फसल की ई पड़ताल के लिए लेखपाल बतौर सर्वेयर का काम करेंगे. इनके ऊपर सुपरवाइजर के रूप में राजस्व निरीक्षक होगा. लेखपाल के सर्वे से असंतुष्ट होने पर उसे सुपरवाइजर रिजेक्ट कर देगा. इसके बाद नायब तहसीलदार खुद मौके पर जाकर सर्वे करके ऐप में रिपोर्ट दर्ज करेंगे.
रबीन्द्रनाथ चौबे, कृषि जागरण ब्यूरो चीफ, बलिया, उत्तर प्रदेश.
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