पोषण विविधता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 अत्यंत प्रासंगिक है. भारत मिलेट का विश्व में अग्रणी उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक देश है. आमतौर पर मिलेट को मोटा अनाज समझा जाता है, परंतु मोटे अनाज में गैर मिलेट समूह भी आते हैं जैसे कि जौ और मक्का आदि. मिलेट पहला प्राचीन भोजन है, जो भोजन के लिए उपजाने योग्य बनाया गया. इसकी खेती 131 देशों में की जाती है, जो कि एशिया और अफ्रीका में 59 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन है. मिलेट में पोषक तत्वों की मात्रा अन्य अनाज की तुलना में ज्यादा होती है.
मिलेट ने पश्चिम में लोकप्रियता हासिल की है क्योंकि ये ग्लूटेन मुक्त और उच्च प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट सामग्री युक्त होते हैं. मिलेट को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है इसलिए इसकी खेती आसानी से अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भी की जा सकती हैं. मिलेट कठोर वातावरण और कम उपजाऊ मिट्टी में भी जीवित रहने में सक्षम हैं. भारत सरकार मिलेट के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 2018 से प्रयास कर रही है; इसके लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग (DA&FW) 2018-19 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के तहत न्यूट्री-अनाज (मिलेट) पर उप-मिशन के रूप में मिलेट विकास कार्यक्रम को लागू किया तथा इसके स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए, भारत सरकार ने अप्रैल 2018 में मिलेट को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया.
मिलेट की घरेलू और वैश्विक मांग बनाने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (IYM) के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव दिया था, जो कि दिसंबर 2018 में FAO द्वारा स्वीकार गया (चित्र सं.1) तथा भारत के इस संकल्प को 72 देशों का समर्थन प्राप्त था और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (IYM 2023) घोषित किया (चित्र सं.1). अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 की मुख्य कार्य योजना; उत्पादन, खपत, निर्यात, ब्रांडिंग आदि को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करती है. हमारी भूमि और भोजन की थाली पर विविधता की आवश्यकता है. मिलेट के लिए जागरूकता बढ़ाना इस आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
आमतौर पर मिलेट को मोटा अनाज समझा जाता है, परंतु मोटे अनाज में गैर मिलेट समूह भी आते हैं जैसे कि जौ और मक्का आदि. मिलेट को भी दो श्रेणियों में बांटा गया है - बड़े और छोटे मिलेट, जिसमें बाजरा सबसे लोकप्रिय या आमतौर पर खेती की जाने वाली किस्में हैं. बड़े मिलेट में बाजरा, रागी, ज्वार और छोटे मिलेट में कोदो, सावा, कुटकी, कंगनी, मंडुआ इत्यादि आते हैं. भारत मिलेट का विश्व में अग्रणी उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक देश है. राजस्थान क्षेत्र और उत्पादन के दृष्टि से मिलेट सहित मोटा अनाज में अग्रणी राज्य है.
100 ग्राम पके हुए मिलेट में पोषक तत्व
हड्डियों के स्वास्थ्य, रक्त वाहिका और मांसपेशियों के संकुचन और उचित तंत्रिका कार्य को सुनिश्चित करने के लिए कैल्शियम आवश्यक है. रागी में सभी अनाजों की तुलना में सबसे अधिक कैल्शियम की मात्रा होती है, जो प्रति 100 ग्राम में दैनिक मूल्य (DV) का 13% प्रदान करता है. इसलिए मिलेट को कैल्शियम सैंडोज की टैबलेट भी कहते हैं मिलेट ग्लूटेन मुक्त अनाज हैं जो एंटीऑक्सिडेंट, घुलनशील फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं. विशेष रूप से, मिलेट कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होता है.
मिलेट के स्वास्थ्य लाभ
- पाचन तंत्र की मदद करना
मिलेट में फाइबर होता है, जो की पाचन स्वास्थ्य में योगदान देता है और मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है. मिलेट में प्रीबायोटिक्स भी होते हैं, यह आंत के स्वास्थ्य और सामान्य रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है.
- हृदय प्रणाली का समर्थन करना
मिलेट में मैग्नीशियम होता है, जो हृदय गति को नियंत्रित करने में मदद करता है. मिलेट का सेवन प्रोटीन एडिपोनेक्टिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो हृदय के ऊतकों की रक्षा करता है
मूड में सुधार
मिलेट अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन की उच्च सांद्रता के कारण व्यक्ति के मूड को बेहतर बना सकता है.
- मधुमेह के खतरे को कम करना
2021 के एक अध्ययन से पता चलता है कि मिलेट टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को कम कर सकता है. यह मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद करता है.
- मोटापे का प्रबंधन
2021 के एक अन्य अध्ययन ने मोटापे और उच्च कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन में मिलेट के सेवन की प्रभावशीलता की जांच की.
- ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना
मिलेट एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव, बीमारी और उम्र बढ़ने के कारक का विरोध करता है. एंटीऑक्सिडेंट का सेवन पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने मे सहायता भी करता है.
विस्तार रणनीतियाँ
- सरकारों और नीति निर्माताओं को सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूलों और अस्पतालों में मिलेट को मैन्यू में सम्मिलित करना चाहिए.
- निजी क्षेत्र को क्रेडिट या अन्य वित्तीय सहायता प्रदान करके मिलेट के सतत उत्पादन में निवेश करना चाहिए. खाद्य उद्योग को भी मिलेट आधारित उत्पादों के उत्पादन और प्रचार को बढ़ाने की जरूरत है.
- प्रभावकारी व्यक्ति (इनफ्लुएंसर्स) एवं प्रसिद्ध रसोइयों को अपने व्यंजनों और मेनू में मिलेट का उपयोग करना चाहिए और आम जनमानस को भोजन-आधारित आहार दिशानिर्देशों पर शिक्षित करनी चाहिए.
- बच्चों को कम उम्र से ही मिलेट, उनके इतिहास और लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उन्हें स्कूल में मिलेट का भोजन देना चाहिए
- किसानों, विशेष रूप से छोटे किसानों को मिलेट के लाभों के बारे में तथा खेती, कटाई और कटाई के बाद की नवीनतम पद्धतियों के बारे में सीखना चाहिए.
- शोधकर्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों को मिलेट, उनके पोषण मूल्यों, गुणों और विशेषताओं के साथ-साथ उपयुक्त मशीनीकरण और अन्य पद्धतियों पर शोध करना चाहिए जो मिलेट की खेती को और अधिक टिकाऊ बना सकते हैं.
- IYM का वैश्विक प्रभाव रणनीतिक साझेदारी के नेटवर्क के बिना संभव नहीं होगा, जिसमें न केवल FAO कार्यालय और अन्य हितधारक शामिल हैं, बल्कि निजी क्षेत्र (परिवहन, मनोरंजन या विज्ञापन कंपनियां) और नगर पालिकाएं भी शामिल हैं.
- स्कूलों और आंगनबाड़ियों में सप्ताह में कम से कम एक दिन मध्याह्न (मिड डे मील) भोजन में मिलेट का भोजन देना चाहिए.
- 2023 के दौरान होटलों में कम से कम एक मिलेट पकवान पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
- सभी सार्वजनिक स्थानों पर संसाधित मिलेट वेंडिंग मशीनें लगाना चाहिए.
- सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इसको प्रोत्साहित और समर्थन करके. इसके लिए संसद भवन में पीएम मोदी समेत सभी सांसदों को मोटा अनाज यानी मिलेट का लंच कराया गया. जिसमें ज्वार, बाजरा और रागी के व्यंजनों पर सबसे अधिक ज़ोर था.
निष्कर्ष
मिलेट अनाज का एक समूह है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है जैसे की मधुमेह के खतरे को कम करना, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना, मोटापे का प्रबंधन आदि. अभी सबसे महत्वपूर्ण हमारा स्वास्थ्य है, अगर स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो सब कुछ ठीक रहेगा. इसके लिए मिलेट का सेवन बेहद फायदेमंद है. सरकार इसको बढ़ावा देने के लिए 2018 से प्रयास कर रही है. अभी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (IYM 2023) घोषित किया. भारत विश्व भर में इसका बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है. इसके बहुत सारे ऐसे पोषक पदार्थ होते हैं जो कि किसी और प्रकार के भोजन से हम प्राप्त नहीं कर सकते हैं, जैसे की ताँबा, फास्फोरस, लोहा, मैगनीशियम आदि. मिलेट ग्रामीण, शहरी, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सीमांत उत्पादन क्षेत्रों के लिए आय का एक स्रोत है तथा नवीन प्रसंस्करण और विपणन अवसरों के माध्यम से महिलाओं और युवाओं के लिए अच्छे रोजगार सृजित करने का एक तरीका है.
विक्की यादव1, डॉ. सुधानंद प्रसाद लाल2 एवं डॉ. राजीव कुमार श्रीवास्तव3
1शोध छात्र,
2सहायक प्राध्यापक-सह-वैज्ञानिक, प्रसार शिक्षा विभाग, स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय,
एवं
3सहायक प्राध्यापक-सह-वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान),
निदेशालय बीज एवं प्रक्षेत्र, तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली-843121, मुजफ्फरपुर, बिहार
(डा0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार-848125)
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