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किसानों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना ही आज के समय की मांग

जहां सरकार ने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर और उसमें किसान कल्याण जोड़कर तथा कई सारी नई योजनाओं का समावेश कर जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड से कृषक को काफी लाभ हुआ है, वहीं इन योजनाओं की जागरूकता किसानों के लिए बड़ी आवश्यक है। ऐसा नहीं है कि केवल सरकार ही कृषक कल्याण और उनकी प्रगति के लिए तत्पर है बल्कि आज के युवा मैनेजमेंट की सोच भी किसानों की बेहतरी के लिए सोचने को मजबूर हुई है तथा आधुनिक सोच को एक मूर्तरूप भी दिया है।

जहां सरकार ने कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर और उसमें किसान कल्याण जोड़कर तथा कई सारी नई योजनाओं का समावेश कर जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड से कृषक को काफी लाभ हुआ है, वहीं इन योजनाओं की जागरूकता किसानों के लिए बड़ी आवश्यक है। ऐसा नहीं है कि केवल सरकार ही कृषक कल्याण और उनकी प्रगति के लिए तत्पर है बल्कि आज के युवा मैनेजमेंट की सोच भी किसानों की बेहतरी के लिए सोचने को मजबूर हुई है तथा आधुनिक सोच को एक मूर्तरूप भी दिया है।

देवभूमि उत्तराखंड के रूद्रपुर से किसानी-खेती के व्यवसाय से जुड़े युवा लिलांशु अरोरा ने कृषि जागरण से एक मुलाकात में बताया कि पॉलीहाउस व दूसरे संबंधित व्यवसाय के कारण किसानों की समस्या को समझते हुए एग्री कैफे’ की कार्ययोजना की शुरूआत की गई है। अभी शुरूआत में उत्तराखंड के 13 जिलों से किसानों का डाटा बैंक तैयार कर व उनकी समस्याओं को वर्गीकृत करते हुए उन्हें डिजिटल इंडिया की समय के अनुसार विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है। जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि खेती-बाड़ी के उत्पाद में हमारे देश का विश्व में दूसरा स्थान है। किसान जहां हमारा पेट भरने के लिए मेहनत करता है और उसका अपना पेट आज भी सरकारी योजनाओं और दूसरे कई स्त्रोतों का मुहताज है। लिलांशु अरोरा ने बताया कि ‘एग्री कैफे’ एक ऐसी शुरूआत है जिनमें अभी तो 600 से अधिक किसान केवल रूद्रपुर और उसमें आसपास के पढ़े-लिखे युवा किसान हैं जिन्हें आधुनिक कृषि जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

हमारी वेबसाईट www.agricafe.com.in के माध्यम से किसान उसमें एक घटक किसान बाजार से अपने उत्पाद का उचित मूल्य जो पा ही सकता है बल्कि कृषि से जुड़े तमाम उपकरण को भी उचित मूल्य पर खरीदने के अलावा किराए पर ले भी सकता है व दूसरों को उपलब्ध भी करवा सकता है।

खाद-बीज जो कि किसानों की जरूरत है को भी उचित और सही रूप में ले सकता है। अपनी मिट्टी की जांच और उसकी रिपोर्ट को भी हमारे माध्यम से ठीक प्रकार से अपनी सभी समस्याओं का निराकरण भी घर बैठे कर सकता है। एग्री कैफे’ से अभी तो 10 से अधिक कृषि व्यावसायिक बनाए जा सके हैं। शीघ्र ही उत्तराखंड में ही  कृषि व्यवसायियों की संख्या की बढ़ोत्तरी की जा सकेगी और धीरे-धीरे पूरे भारत वर्ष में कृषि व्यवसायी बढ़ जाएंगे जिनसे कृषक आय में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। एग्री कैफे से किसानों की आय दोगुनी हो सकेगी |

English Summary: Today's demand of connecting farmers with the mainstream of development Published on: 20 August 2017, 08:12 PM IST

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