पिछले 56 वर्षों में, इफको उत्पादों, सेवाओं और समर्थन प्रणालियों वाले एक पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में विकसित हुआ है जो निष्पक्षता, पारदर्शिता और टिकाऊ प्रथाओं को सुनिश्चित करता है. कृषि क्षेत्र में निरतंर किसानों देने वाली देश की अग्रणी कंपनी इफको ने आज अपना 56वां स्थापना दिवस मनाया है. भारत की हरित क्रांति में उर्वरकों की अहम् भूमिका रही है. जिसमें इफको स्थापना के बाद से ही लगातार कृषि और किसानों के बीच अपने विश्वास को कायम रखने और किसानों की फसलों को ज्यादा पैदावार की दिशा में एक सहयोगी के रूप में साथ रहा है. इफको आज दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था के रूप में खड़ी, 3 नवंबर 1967 को इफको की स्थापना किसानों को गुणवत्तापूर्ण उर्वरकों के उत्पादन में मदद करने के लिए की गई थी.
इफको से जुड़ी सहकारी समितियों की संख्या 1967 में 57 से बढ़कर वर्तमान में 39,800 से अधिक हो गई है. आज देश के लगभग सभी किसान इफको से किसी न किसी माध्यम से जुड़े हुए हैं. किसानों के इसी विश्वास के चलते आज हम कृषि क्षेत्र में सबसे अग्रणी उर्वरक उत्पादक के रूप में अपनी जगह बना पाए हैं.
देश में किसानों की आय दोगुनी मिशन का साथी है इफको
आज देश के प्रधानमंत्री के मिशन किसानों की आय को दुगुना करने में भी इफको की भूमिका अहम् रही है. दरअसल, इफको एक उर्वरक उत्पादक कंपनी है. कृषि क्षेत्र में फसलों को अच्छी पैदावार के साथ ही यह उनकी गुणवत्ता के मानकों पर भी पुरी तरह से खरा उतरा है. जिसके परिणाम स्वरुप किसानों के विश्वास को हम आज भी कायम रख पाए हैं.
समय के साथ बढ़ता रहा उत्पादन
देश में इफको की मांग और उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ते रहे. इसका प्रमुख कारण फसलों के लिए प्रभावी और सुरक्षित उर्वरक को उपलब्ध कराना था. इसी सुरक्षित उपलब्धता ने किसानों के बीच हमारे प्रति विश्वास को बढ़ाया, जिसके चलते देश में इफ्फको की मांग और विश्वास दोनों निरंतर बढ़ते रहे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2022-23 के दौरान इफको द्वारा 95.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का उत्पादन किया गया.
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