भारत की अग्रणी कृषि रसायन कंपनी ‘धानुका एग्रीटेक लिमिटेड’ महाराष्ट्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है. इस विचार के साथ कंपनी ने आज माननीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही की उपस्थिति में मेगा फार्मर्स मीट का आयोजन किया. इस दौरान किसानों की आय दोगुनी करने के तरीकों पर चर्चा हुई. धानुका एग्रीटेक ने इस वर्ष की पहली छमाही में इस क्षेत्र में बिक्री में 10 प्रतिशत वृद्धि अर्जित की है और वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंत तक वृद्धि को 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
किसान सम्मेलन में महाराष्ट्र के विभिन्न भागों से लगभग 3,000 किसान आये और उन्हें खेती की आधुनिक तकनीक और कीटनाशकों के उपयोग पर महत्वपूर्ण जानकारी मिली. चर्चा सत्र का आयोजन माननीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही की उपस्थिति में किया गया और प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन बढ़ाने तथा इस क्षेत्र में गन्ने के लिये सबसे बुरी खरपतवार ‘मोठा’ के नियंत्रण पर चर्चा हुई. इस सत्र के दौरान कंपनी ने किसानों को कीटनाशक का सही उपयोग भी समझाया और बताया कि सेम्प्रा मोठा के लिये कितना प्रभावी है.
श्री नितिन गडकरी ने किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृषि में नई तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की पहलों के कारण विदर्भ क्षेत्र में किसानों की स्थिति में सुधार आया है. उन्होंने बताया कि विदर्भ क्षेत्र के गन्ना किसान महाराष्ट्र की कृषि के स्तंभ हैं. उन्होंने धानुका एग्रीटेक को नवीनतम तकनीकें मुहैया कराकर किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में किये जा रहे निरंतर कार्य के लिए धन्यवाद दिया.
महाराष्ट्र धानुका के शीर्ष पाँच बाजारों में से एक है और सेम्प्रा इस राज्य में अग्रणी उत्पाद है. सेम्प्रा ने इस राज्य के गन्ना किसानों को बहुत लाभ पहुँचाया है और वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य में योगदान दे रहा है. धानुका के अन्य प्रसिद्ध उत्पाद, जैसे कोनिका, लस्टर, सकुरा, मैक्स-सोय, टार्गा सुपर इस क्षेत्र में अन्य फसलों के काम आ रहे हैं. फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और पैदावार बढ़ी है. कंपनी के अन्य उत्पाद, जैसे मोर्टार, गोडिवा सुपर आदि महाराष्ट्र में काफी प्रसिद्ध हैं.
कंपनी की पहलों पर टिप्पणी करते हुए ‘धानुका एग्रीटेक लिमिटेड’ के ग्रुप चेयरमैन श्री आर.जी. अग्रवाल ने कहा, ‘‘खेती भारत की सबसे बड़ी आजीविका प्रदाता है, क्योंकि लगभग 58 प्रतिशत ग्रामीण परिवार इस सेक्टर पर निर्भर हैं. हम किसानों को खेती के बेहतर समाधान प्रदान कर आय दोगुनी करने के तरीकों पर शिक्षित करना चाहते हैं. वर्तमान में कृषि उद्योग का योगदान भारत के जीडीपी में 18.1 प्रतिशत है,
हालांकि जलवायु परिवर्तन की इस सेक्टर में बड़ी भूमिका है. जल के अभाव के कारण खेती महंगी हो रही है. धानुका भी अपने प्रमुख अभियान ‘‘खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में’’ के माध्यम से जल संरक्षण पर जागरूकता फैला रहा है. हमें खुशी है कि किसानों ने हमारे उत्पादों और पहलों को पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रतिसाद दिया है।’’
इस आयोजन के दौरान धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने कृषि से भारत का बदलाव करने के अपने विजन के अंतर्गत अपनी अप्रोच डीकेकेएनटी (धानुका खेती की नई तकनीक) पर भी प्रकाश डाला, जो किसानों को प्रशिक्षण और शिक्षा के माध्यम से संपूर्ण कृषि समाधान प्रदान करने पर केन्द्रित है. इस अप्रोच के तहत, कंपनी का लक्ष्य फसल की हानि को कम करना और उपज बढ़ाना है, जिसके लिये क्रियान्वयन प्रक्रियाओं पर केन्द्रित होना जरूरी है, जैसे मृदा का स्वास्थ्य बनाये रखने के लिये मृदा का परीक्षण, फसल बीमा, संकरित बीजों का उपयोग, कृषि रसायनों का उचित उपयोग, जल संरक्षण आदि.
पश्चिमी क्षेत्र में कंपनी के कार्यक्रमों पर टिप्पणी करते हुए ‘धानुका एग्रीटेक लिमिटेड’ में राष्ट्रीय बिक्री प्रमुख (पश्चिम एवं उत्तर क्षेत्र) श्री पवन साराओगी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र धानुका के लिये प्रमुख बाजारों में से एक है और कंपनी यहाँ विभिन्न पहलें चलाती है, ताकि हमारे उत्पादों के प्रति जागरूकता फैले. धानुका के डॉक्टर किसानों के पास जाते हैं और कृषिरसायनों के उपयोग पर उन्हें शिक्षित करते हैं. भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिये कॉर्पोरेट्स और सरकार को ऐसे प्रयास करने चाहिये, ताकि कृषि अभ्यास उन्नत हों और किसानों की आजीविका में सुधार हो.’’
आयोजन के दौरान धानुका एग्रीटेक के सलाहकार श्री एच.एम. रावल ने देश के कृषि उत्पादन के सम्बंध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य रखे. भारत विश्व में मसालों और मसाला उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक और फल तथा सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. खेतो और कृषिगत उत्पादन में इसका दूसरा स्थान है, हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कीटों, जीवों और रोगों के कारण 10-30 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है. टाटा इंस्टिट्यूट की एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि बाजारों में उपलब्ध 35-40 प्रतिशत कीटनाशक अवैध/दोयम दर्जे के/नकली हैं. धानुका एग्रीटेक भी किसानों को उनकी फसल के लिये उपलब्ध उत्पादों पर शिक्षित करने का प्रयास कर रहा है और उन्हें नकली उत्पादों पर जागरूक कर रहा है.
ब्रांड सेल्स के लिहाज से धानुका एग्रीटेक भारत की शीर्ष पाँच कृषि रसायन कंपनियों में से एक है. वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में कंपनी ने कई पहलें की हैं. कंपनी धानुका इनोवेटिव एग्रीकल्चर अवार्ड (डीआईएए) के प्रथम संस्करण के विजेताओं की घोषणा भी करने वाली है, यह पहल खेती में उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान के लिये है. इस वर्ष की शुरूआत में कंपनी ने इस पुरस्कार की घोषणा की थी, जो कई श्रेणियों में दिया जाएगा, ताकि भारत में अपनाई गई खोजपरक कृषि तकनीकों को प्रोत्साहित किया जा सके.
मैसर्स धानुका एग्रीटेक लिमिटेड किसानों को बेहतर फसल, बेहतर खेती-बाड़ी और बढ़िया जीवन का सपना साकार करने में मदद देने के लिए तरह-तरह के फार्म इनपुट उत्पाद उपलब्ध कराती है. कंपनी की देशभर के सभी प्रमुख राज्यों में मार्केटिंग कार्यालय और 4 उत्पादन इकाइयां कार्यरत हैं तथा 7500 से अधिक वितरण एवं डीलर, 1,500 दक्ष कर्मचारी भारतभर में 80,000 रिटेलर्स को बिक्री करते हुए 1 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचते हैं. हमारे पास विश्वस्तरीय एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं. कंपनी का 4 अमरीकी और 6 जापानी कंपनियों के साथ गठबंधन है.
धानुका एग्रीटेक ब्रांड बिक्री के लिहाज से भारत की पांच शीर्ष कंपनियों में से है. 200 से अधिक रजिस्ट्रेशन और 350 सक्रिय एसकेयू के साथ कंपनी की बाजार में सबसे अधिक पैठ है. धानुका एग्रिटेक के फिलहाल देशभर में 30 शाखा कार्यालय और 48 वेयरहाउस हैं.
किसानों के बीच धानुका पसंदीदा ब्रांड है। इसका व्यापक मार्केटिंग नेटवर्क जो कि भारत के दूरदराज के इलाकों तक में फैला हुआ है, खेतीबाड़ी से होने वाली आय में वृद्धि, एग्रो-केमिकल्स के मामले में लागत-लाभ का बेहतर अनुपात, बेहद विविधिकृत उत्पाद रेंज जिसमें सभी प्रकार की फसलों से संबंधित लगभग सभी समस्याओं के समाधान हैं, नवोन्मेषी मार्केटिंग नीतियां और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी गठबंधन आदि इसके विकास में मददगार हैं. कंपनी एग्री-इनपुट डीलरों को मजबूत बनाते हुए किसानों के कल्याण से जुड़ी है और नए मुकाम हासिल करने के लिए अनेक कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर हमारे डीईएएसआइ प्रोग्राम के जरिए मजबूत सेवा प्रदाता की भूमिका में है. कंपनी हर साल गठबंधनों के माध्यम से नए उत्पादों को पेश करती है और भारतीय किसानों के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी मुहैया करा रही है.
चंद्र मोहन, कृषि जागरण
Share your comments