लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर कोरोना वायरस का भयंकर प्रभाव पड़ा है. यही कारण है कि तनाव से बाहर निकलने के लिए अधिक से अधिक लोग निवेश के रूप में सोने या चांदी को पसंद कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों लकड़ी के आगे सोने और चांदी की चमक भी फिकी पड़ गई है. दरअसल लॉकडाउन में बहुमूल्य धातुओं की अपेक्षा लकड़ी पर अच्छा रिटर्न प्राप्त हो रहा है.
क्यों बढ़ी लकड़ियों की मांग
लॉकडाउन के कारण इन दिनों घरों को रेनोवेट करने का चलन बढ़ा है. अचानक आपूर्ति पर दबाव बढ़ने के कारण कीमतों में इजाफा हुआ है. कोरोना काल में मांग और आपूर्ति के मध्य गहरी खाई पनपी है, जिस कारण दाम तेजी से बढ़े हैं.
आगे भी बढ़ेगी कीमत
सोना या किसी अन्य धातु की अपेक्षा लकड़ी का वायदा कारोबार बहुत अधिक पैमाने पर नहीं होता. यही कारण है कि लकड़ी के भाव में भारी उतार-चढ़ाव बहुत जल्द ही देखने को मिल जाता हैं. फिलहाल लकड़ी की बड़ी कंपनियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में मांग बढ़ने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की प्रबल संभावनाएं हैं.
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इन चार लकड़ियों की है अधिक मांग
मार्केट में इन दिनों मरांडी, शीशम, साटन वुड एवं टीकवुड की अधिक मांग है. आपको पता ही है कि मरांडी को जहां सजावटी सामान बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, वहीं शीशम का उपयोग मुख्य रूप से फर्नीचर बनाने के लिए होता है. इसी तरह साटन वुड का उपयोग मजबूती प्रदान करने और टीकवुड का प्रयोग आम कामों के लिए किया जाता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
लकड़ी की कीमतों के बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मांग बढ़ने के बाद भी आपुर्ति नहीं बढ़ाई गई, तो कीमतें तेजी से बढ़ेगी. कीमतों के बढ़ने के साथ ही लकड़ी की कालाबाजारी भी बढ़ेगी
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