नया साल आने में अब कुछ दिन ही बचे है. नए साल लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आता है. इस दिन को सभी लोग बहुत उत्साह के साथ मनाते है. साल 2019 भी सभी लोगों के जीवन में कई बदलाब लेकर आया होगा, तो वहीं कई लोगों के जीवन में कई ऐसे वाकया हुए होंगे, जिनको वो हमेशा याद रखेंगे, लेकिन एक वाकया ऐसा भी हुआ है, जिसका असर सभी लोगों पर बराबर पड़ा है. जी हां, हम बात कर रहे प्याज और टमाटर, कई सब्जियों समेत अन्य खाद्य उत्पादों की महंगाई की, जिसने साल 2019 में उपभोक्ताओं को खूब रुलाया है.
आपको बता दें कि साल 2019 में प्याज समेत कई सब्जियां है, जिनकी कीमत रातों रात बढ़ती गई और वह रसोई से गायाब होने लगी. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम प्याज का आता है. जिसने हर दिन जनता को रुलाया है. प्याज के दामों के जनता को इतना विचलित कर दिया कि उन्होंने शायद प्याज को खाना भी छोड़ दिया होगा. एक समय आया, जब प्याज की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गई.
प्याज के बाद टमाटर भी इसी राह पर चल पड़ा औऱ लोगों को आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया. दरअसल, रोजमर्रा की सब्जियां जैसे टमाटर, आलू की कामत काफी बढ़ गई. यह बारिश और सूखा पड़ने की वजह से हुआ. साल 2019 में टमाटर 80 रुपये किलो के भाव बिका है. इसके बाद आखिरी तिमाही में टमाटर के भाव ने आसमान छू लिया. जिससे खुदरा महंगाई दर तीन साल में सबसे ज्यादा हो गई. इसके अलावा दिसंबर महीने में आलू भी 30 रुपये किलो पहुंच गया. सब्जियां महंगी होने की वजह से नवंबर में खुदरा महंगाई दर करीब 4 प्रतिशत ऊपर चली गई. बता दें कि सरकार ने भी टमाटर, प्याज, आलू को 2018-19 के आम बजट में शीर्ष प्राथमिकता दी थी. तो वहीं लहसुन और अदरक की कीमत भी 200 से 300 रुपये किलो ऊपर चली गई.
आपको बता दें कि बाजार में प्याज की कीमत को नीचे लाने के लिए प्याज के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा गया, जबकि विक्रेताओं के लिए स्टॉक की मात्रा घटाकर चौथाई कर दी गई. इससो थोड़ा असर हुआ, लेकिन अब भी प्याज के भाव आसमान पर ही हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 में सब्जियों की कीमत में काफी हद तक काबू पाया जा सकता है.
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