कहते हैं वक्त अपने आप को दोहराता है. शायद यही कारण है कि एक बार फिर हम अपनी प्राचीन संस्कृति की तरफ बढ़ने लगे हैं. घरों की पुताई से लेकर सौन्दर्य सामाग्री तक में गोबर का उपयोग एक बार फिर होने लगा है. इतना ही नहीं घरों की सजावट में भी इन दिनों गोबर उत्पादों का क्रेज बढ़ा है.
अब दिवाली पर मिलने वाले दियों का ही उदाहरण ले लीजिए. कुछ साल पहले तक जहां दिवाली पर दियों की जगह मात्र चाइनीज लाइट्स घरों में टिमटिमाने लगे थे, वहीं अब एक बार फिर लोग स्वदशी उत्पादों की तरफ बढ़ने लगे हैं.
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में देसी दीये खुद को कलात्मक स्वरूप में ढ़ाल कर बाज़ार में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं. वहीं दियों पर हो रहे नये प्रयोगों को भी खासा पसंद किया जा रहा है.
फिलहाल बाज़ार में गाय के गोबर से बने दिये बिकने को तैयार है. इन दियों को गाय के गोबर, घी और इसेंशियल ऑइल की मदद से बनाया गया है, जो कि पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है. इसलिये इनके प्रयोग से एक तरफ वातावरण को कोई हानि नहीं है.
वैसे गाय के गोबर से बने होने के कारण इन दियों को फेंकने की जगह आप इनका प्रयोग खाद के रूप में भी कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक इन दीये में लेमन ग्रास और मिंट जैसे उत्पादों का भी प्रयोग किया गया है, इसलिये घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ ये आपको मच्छरों से भी बचाते हैं.
वहीं दूसरी तरफ लेमन, मिंट और लैवेंडर की मदद से बनने वाले ये दिये आपको मानसिक शांति एवं आराम देते हैं. इनके प्रभाव से नर्व्स को आराम मिलता है और आप शांति का अनुभव करते हैं. माना जा रहा है कि इन दियों के आने से पशुपालन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
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