इस बार त्यौहारों का मजा सब्जियां खराब कर सकती है. बाज़ार में अभी तक सब्जियों के दामों में किसी तरह की गिरावट के संकेत दिखायी नहीं दे रहे हैं. हालांकि सितंबर- अक्टूबर महीने में मंडियों में लोकल सब्जियां आनी शुरू हो जाती है, लेकिन फिर भी इस बार सब्जियों के रेट में किसी तरह की खास कमी नहीं आयी है.
त्यौहारों का महीना शुरू होते ही फूलगोभी के दाम सातवें आसमान पर चढ़ गये हैं, वहीं मटर भी आम आदमी की रसोई से गायब हो गया है. हरी सब्जियों के दामों में तो मानों आग ही लगी हुई है. दिल्ली-एनसीआर में तो लहसुन 300 रूपए किलो के भाव हो गया है, जबकि अदरक 120 रूपए किलो से अधिक के भाव में बिकना शुरू हो गया है.
बाजार में सब्जियों के दामः
वैसे प्याज और टमाटर ने लोगों पर थोड़ी सी राहत की है, लेकिन कोई खास फर्क पड़ने के आसार अभी दिखायी देते नहीं दिख रहे. बाजार में इस समय शिमला मिर्च- 85 से 105 रुपए किलो, परवल- 60 रुपए किलो, फूल गोभी- 65 रुपए किलो मिल रहा है. जबकि बंद गोभी- 60 रुपए किलो और आंवला- 35 रुपए किलो में बिक रहा है. इस बारे में विशेषज्ञों की माने तो फरवरी तक बाज़ार के हालात सुधरने के आसार कम हैं. दिल्ली-एनसीआर के थोक बाजार में टमाटर और प्याज के दामों में हल्की सी गिरावट दर्ज की गई. लेकिन इससे कोई खास फर्क सब्जियों के दाम पर नहीं पड़ने वाले हैं.
इन कारणों बढ़ रहे हैं दामः
जानकारी के मुताबित सब्जियों के दामों में उछाल कई कारणों से आ रहे हैं. जैसे एक तो जगह-जगह हुई भारी बारिश से किसानों को भयंकर नुकसान हुआ है. वहीं प्रशासन के हाथों से सब्जियों सहित खाद्य पदार्थों के दाम अनियंत्रित हो गये हैं. वैसे जमाखोरी भी एक कारण है कि सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं.
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