लॉकडाउन के दौरान फल-सब्जियों को लेकर तरह-तरह की अफवाहें चल रही हैं. यही कारण है कि लोग अपने घरों में अधिक से अधिक फल-सब्जियों एवं खाद्य सामाग्री को जमा करने में लगे हुए हैं. हालांकि दिल्ली समेत देश की अन्य थोक मंडियां सामान्य रूप से ही चल रही हैं. सबसे अहम बात है कि सब्जियों और फलों के दामों में भी कोई खास उछाल नहीं हुए हैं.
गौरतलब है कि थोक दामों में खास बदलाव न होने के बाद भी खुदरा मार्केट में सब्जियों के दाम अचानक बढ़ गए हैं. आम मंडी कीमतों के मुकाबले यहां हरी सब्जियों की कीमतों में मानो आग लगी हुई है. खैर, आलू-प्याज के दाम अभी भी सामान्य ही हैं.
क्यों बढ़े खुदरा दाम
खुदरा व्यापारियों की मानें तो थोक मंडियों में सब्जियों के होने के बाद भी खुदरा दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं, क्योंकि गांव-शहर में आवाजाही प्रतिबंधित है. जगह-जगह लगी पाबांदी के कारण उन्हें मंडी से सब्जियों को लाने में दिक्कत हो रही है, जिस कारण कीमतों पर असर पड़ रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक यातायात के सभी साधन बंद होने के कारण सब्जियों को लाने के लिए व्यापारी अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, जो अधिक महंगा है.
आजादपुर मंडी का हाल
सोमवार के दिन आजादपुर मंडी में पहले की अपेक्षा भीड़ कम रही. ज्यादातर लोगों में आलू और प्याज को खरीदने की होड़ रही. मंडी में आलू जहां 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिका, वहीं प्याज 10 से 30 रुपये में मिला. जबकि खुदरा मार्केट में आलू के दाम 30 और प्याज के दाम 40 रूपये किलो बिका.
इन सब्जियों की दिखी मांग
आजादपुर मंडी में परवल, शिमला मिर्च और भिंडी की मांग अधिक रही. वहीं लोगों ने करेला, मूली, और बींस भी खरीदा. खुदरा बाजार में भी इन सब्जियों की मांग बनी रही. हालांकि इनके दाम काफी अधिक रहे, जिससे लोगों को परेशानी हुई.
सब्जियों के दाम (प्रति किलो में)
आजादपुर मंडी के अलावा खुदरा दामों में उछाल देखा गया. आलू की कीमत 30 रुपये किलो तक रही, वहीं प्याज 40 रुपये तक बिका. टमाटर और बैंगन के भाव भी 40 रुपये रहे. पत्ता गोभी 30 और फूलगोभी 40 रुपये रहा. भिंडी के दाम 80 रुपये पहुंच गए, जबकि गाजर 40 रुपये तक बिका.
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