नई दिल्लीः किसानों को दालों की सही कीमत मिले इसके लिए सरकार अपनी नीति में बदलाव कर रही है। तुअर, उड़द और मूंग के बाद अब सरकार मसूर की दाल के एक्सपोर्ट को भी जल्द ही मंजूरी दे सकती है। देशभर में दालों का ज्यादा उत्पादन होने की वजह से चना, मसूर जैसी दालें आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के नीचे बिक रही हैं।
जानकारी के मुताबिक कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय तुअर, उड़द और मूंग के बाद अब मसूर दाल के एक्सपोर्ट को जल्द ही मंजूरी देने पर विचार कर रहा है। दाल मिल मालिक भी मसूर के एक्सपोर्ट की मांग करते आए हैं। भारत में 2016-17 में करीब 270 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था और 57 लाख टन दालें इंपोर्ट की गई थीं। जबकि भारत में दालों की खपत 260 लाख टन थी। लेकिन जानकार सरकार की एक्सपोर्ट नीति से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार भी इस बात को समझ रही है और इसलिए अब उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय दालों के बफर स्टॉक में से करीब 7 लाख टन दालें राज्यों को सस्ती दरों पर देने के पक्ष में है।
अब जल्द ही होगी मसूर दाल एक्सपोर्ट
किसानों को दालों की सही कीमत मिले इसके लिए सरकार अपनी नीति में बदलाव कर रही है। तुअर, उड़द और मूंग के बाद अब सरकार मसूर की दाल के एक्सपोर्ट को भी जल्द ही मंजूरी दे सकती है। देशभर में दालों का ज्यादा उत्पादन होने की वजह से चना, मसूर जैसी दालें आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के नीचे बिक रही हैं।
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