कोरोना काल में हर सेक्टर को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन जो दुर्दशा पोल्ट्री फार्म की हुई है उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. 2020 के आरंभ में भी अंड़ों से कोरोना होने के अफवाहों ने इस सेक्टर की कमर तोड़ दी. हालात इतने खराब हो गए कि व्यापारियों को मिट्टी के भाव में अंडे बेचने पड़ें. लेकिन अब जबकि सर्दियों के दिन आ गए हैं, ऐसे में अंडा उद्दोग तेजी से स्पीड पकड़ रहा है.
अंडो की डिमांड बढ़ी
देशभर में अंडों की डिमांड बढ़ रही है, दुकानों पर पहले की अपेक्षा अधिक भीड़ है. यही नहीं शहरों में देखा जा सकता है कि जगह-जगह ठेलों पर गर्मी में मिलने वाले सामान के स्थान पर अंडे बिक रहे हैं. फिलहाल एक क्रेट अंडा 160 रुपये के आसपास मिल रहा है. याद दिला दें कि आज से 20 दिन पहले तक इन क्रेटों के दाम 120 से 130 रूपए थे.
खुदरा व्यापार भी मुनाफे में
बात अगर खुदरा अंडे की करें, तो वो भी पांच-छह की जगह अब आठ से दस रुपए में मल रहा है. मार्केट विशेषज्ञों की माने तो दिसंबर मध्य तक सर्दी बढ़ने के साथ ही अंडों के दाम बढ़ेंगें.
मौसमी कारणों से बढ़ रहा है अंडा व्यापार
वैसे साल के अंत और शुरूवात के समय अंडों की मांग हमेशा हाई रहती है. इसका सबसे बड़ा कारण है सर्दियों में लोग अंडों का सेवन अधिक करते हैं. आंकडों पर गौर करे तो पाएंगें कि इस साल अंडे कारोबार बीते दो सालों की अपेक्षा अधिक तेजी से चल रहा है. वैसे अभी विवाह-शादियों का मौसम भी चल रहा है, जिस कारण इसकी मांग ज्यादा है.
लॉकडाउन से अधिक अफवाहों ने पहुंचाया नुकसान
आपको याद ही होगा कि कोरोना काल में अंडो को लेकर तरह तरह के अफवाह फैलाए गए थे. इन अफवाहों पर लोगों ने भरोसा भी किया, क्योंकि इस तरह की खबरे मेन स्ट्रीम मीडिया चला रही थी. हालात इतने खराब हो गए थे कि मीट और अंडों का बिकना पूरी तरह से बंद हो गया था. आनन-फानन में पशुपालन विभाग को बाकायदा रिपोर्ट छपवानी पड़ी थी कि अंडा या मीट खाने से कोरोना नहीं फैलता.
अभी और बढ़ेगे दाम
अंडा व्यापारियों को उम्मीद है कि अभी आने वाले समय में दाम और अधिक बढ़ेंगे. फिलहाल शुरुआती ठंड उनके लिए कुछ राहत लेकर आई है. कोरोना काल में अधिकतर व्यापारियों की दशा इतना खराब हो गई थी कि उन्हें इस काम को बंद करना पड़ा था. लेकिन अब लोगों में एक बार फिर से उम्मीद जाग रही है.
चिकन की मांग भी हाई
गौरतलब है कि सर्दी शुरू होते ही चिकन उद्दोग भी जगमगा गया है. अभी दिसंबर में अचानक चिकन की मांग बढ़ गई है. शहरों में सामान्य तौर पर चिकन की कीमत में 6 प्रतिशत तक की बढ़त देखी जा रही है.
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