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साल के अंत में महंगाई से कुछ राहत, कम हुए सब्जियों के दाम

लॉकडाउन के बाद से महंगाई सातवें आसमान पर चली गई है, आलम ये है कि आम आदमी के लिए आलू-प्याज तक खाना दूभर है. लेकिन अब साल के अंत में आखिरकार एक अच्छी खबर आई है. दरअसल दिसंबर के आगमन के साथ ही मंडियों के दामों में गिरावट देखी जा रही है. विशेषकर आलू-प्याज के दाम एकाएक अचानक गिरे हैं.

सिप्पू कुमार
Vegetables
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लॉकडाउन के बाद से महंगाई सातवें आसमान पर चली गई है, आलम ये है कि आम आदमी के लिए आलू-प्याज तक खाना दूभर है. लेकिन अब साल के अंत में आखिरकार एक अच्छी खबर आई है. दरअसल दिसंबर के आगमन के साथ ही मंडियों के दामों में गिरावट देखी जा रही है. विशेषकर आलू-प्याज के दाम एकाएक अचानक गिरे हैं.

लॉकडाउन के बाद से महंगाई सातवें आसमान पर चली गई है, आलम ये है कि आम आदमी के लिए आलू-प्याज तक खाना दूभर है. लेकिन अब साल के अंत में आखिरकार एक अच्छी खबर आई है. दरअसल दिसंबर के आगमन के साथ ही मंडियों के दामों में गिरावट देखी जा रही है. विशेषकर आलू-प्याज के दाम एकाएक अचानक गिरे हैं.

कम हुए आलू-प्याज के दाम

कल तक जो आलू 40 से 50 रुपये किलो में बिक रहा था, आज वो तपाक से गिरकर 20 रुपये किलो हो गया है. कुछ यही हाल प्याज का भी है. इस समय इसके दाम में भी 20 से 30 रूपए तक की गिरावट देखी जा रही है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि किसान आंदोलन के बाद अधिकतर सीमाएं बंद है, लेकिन फिर भी सब्जियों के दाम कम हुए हैं.

बंगाली आलू ने किया दामों प्रहार

आज आलू की कीमतों में गिरावट की बड़ी वजह पश्चिम बंगाल है. यहां से आने वाले आलुओं ने स्टोर किए हुए सभी आलुओं की हवा निकाल दी है. फिलहाल अधिकतर मंडियां बंगाली आलू से भरी हुई है.

पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश का प्रभाव

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रदेश के सभी 465 कोल्ड स्टोरेज मालिकों को निर्देश दिया था कि वो 30 नवंबर तक अपना बचा स्टॉक खाली करें. ऐसा न करने पर दंडात्मक कार्यवाही की बात कही गई थी. अपने आदेश में सरकार ने साफ कहा था कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.

मांग से अधिक सप्लाई

शाहदरा मंडी में सब्जी विक्रेताओं से बात करने पर मालुम हुआ कि दिसंबर में मांग की अपेक्षा सब्जियों की सप्लाई अधिक हुई है, जिस कारण दाम अचानक से कम हुए हैं.

इन सब्जियों पर राहत

फिलहाल इस समय बाजार में मटर, टमाटर और प्याज के साथ-साथ फलों के दाम भी कुछ कम हुए हैं. परवल और भिंडी को छोड़कर सभी तरह की सब्जियां सस्ती हुई है.

दाम और कम होने की संभावना

थोक कारोबारियों से बात करने पर पता लगा कि दो महीनों तक सब्जियों की भरपूर आवक बनी रहेगी, जाड़े के मौसम में वैसे भी सब्जियां मार्केट में रहती है. फिलहाल बहुत कुछ गाड़ियों के भाड़े पर निर्भर करता है.

तेल कीमतों से बढ़ेंगे सब्जियों के दाम

आपको मालुम ही होगा कि सरकारी तेल कंपनियों द्वारा डीजल -पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है. डीजल के दाम 25 से 31 पैसे बढ़ गए हैं तो पेट्रोल भी 30 से 33 पैसे तक हो गया है. तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद ट्रकों का भाड़ा बढ़ेगा, जिसका बोझ व्यापारियों से होते हुए आम आदमी पर आएगा.  

English Summary: price of vegetables and fruits reduced due to good suply know more about it Published on: 09 December 2020, 09:33 AM IST

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