म.प्र. के बाहर से दाल बनाने के लिये मंगाये जाने वाले दलहन पर मण्डी-शुल्क से छूट देने के लिये दाल उद्योग का प्रतिनिधि-मण्डल भोपाल में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से मुख्यमंत्री निवास पर मिलकर और उनसे आग्रह किया कि प्रदेश की दाल मिलों को म.प्र. के बाहर से आने वाले दलहन पर मण्डी शुल्क से छूट प्रदान की जाए।
ऑल इण्डिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि संस्था के प्रतिनिधि मण्डल ने म.प्र. हाउसिंग एवं अधोसंरचना मण्डल के अध्यक्ष, कृष्णमुरारी मोघे के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
प्रतिनिधि-मण्डल ने मुख्यमंत्री से कहा कि पूर्व में सरकार द्वारा म.प्र. के दाल उद्योगों को राज्य के बाहर से दाल बनाने के लिये मंगाए जाने वाले दलहन-तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, चना, मटर/बटरा/बटरी पर मण्डी शुल्क से छूट दी जा रही थी, वह समाप्त हो गई, उसे पुनः नवीनीकरण नहीं करने से दाल उद्योगों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
काफी समय से मण्डी शुल्क से छूट नही दिये जाने के कारण म.प्र. के दाल उद्योगों पड़ोसी राज्यों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं, क्योंकि पड़ोसी राज्यों - गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रांतो में वहाँ की दाल मिलों द्वारा प्रदेशों के बाहर से दाल बनाने के लिये मंगाये जाने वाले दलहन पर मण्डी शुल्क नही लगता है, वहाँ की सरकारो ने दाल मिलों को इसकी स्थायी छूट प्रदान कर रखी है।
म.प्र. में मण्डी शुल्क लगाने के कारण यहाँ की दालें अन्य प्रांतो के मुकाबले 2 से 3 रू. प्रति क्विंटल महंगी हो गयी हैं। दालें महंगी होने के कारण म.प्र. प्रदेश में उत्पादित दालें बिक नहीं पा रही है, प्रदेश में अन्य राज्यों की दालें आकर बिक रही है। यहाँ के दाल मिल कारखानों में लगभग 50 से 60 प्रतिशत उत्पादन ठप्प हो गया है। दाल मिल कारखानों में उत्पादन कम होने के कारण मिलों में कार्यरत हजारों मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है।
अतः प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश के दाल उद्योगों के हित में अतिशीध्र म.प्र. के बाहर से आने वाले दलहनों पर मण्डी शुल्क से छूट प्रदान करे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वस्त किया है कि अतिशीघ्र प्रदेश के दाल उद्योगों के हित में मण्डी शुल्क की छूट प्रदान की जाएगी।
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