लॉकडाउन के बाद अब बर्ड फ्लू ने तोड़ी चिकन व्यापार की कमर, 50 प्रतिशत कम हुई बिक्री

लॉकडाउन के बाद पहले से ही भारी घाटे में चल रहा चिकन और अंडा व्यापार अब
अधमरी हालत में पहुंच गया है. अचानक से बर्ड फ्लू के फैलने से बाजार में चिकन और अंडे की मांग में गिरावट आई है. फिलहाल चिकन की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कम ही लोग चिकन या अंडे की खरीददारी कर रहे हैं. आंकडों पर गौर करें, तो बीते एक सप्ताह में ही पचास फीसदी तक इनकी खरीदारी कम हुई है.
50 प्रतिशत कम हुई बिक्री
चिकन व्यापारियों से बात करने पर मालुम हुआ कि लॉकडाउन में सभी तरह के आयोजनों पर रोक लगा रहा, जिस कारण चिकन, अंडा, मीट आदि न के बराबर बिका. उसके बाद अफवाह उड़ी की मुर्गियों में कोरोना वायरस है, जिसके बाद लोगों ने चिकन खाना बंद कर दिया था. अब ठंड के मौसम में हमे उम्मीद थी कि अब तक का हुआ सारा घाटा किसी तरह बैलेंस हो जाएगा, लेकिन अचानक कई जगहों पर ताबड़तोड़ बर्ड फ्लू की पुष्टि होने से एक बार फिर निराशा हाथ लगी है.
भारी घाटे में चिकन व्यापारी
कानपुर के एक चिकन दुकानदार ने बताया कि लोगों में इस समय बर्ड फ्लू का भयंकर भय बैठा हुआ है, इसलिए मांग में कमी आई है. अब मांग कम हो जाने के कारण दुकान पर माल भी सिर्फ 30 प्रतिशत ही मंगाया जा रहा है. दुकानदारों ने बताया कि 250 रुपए किलो बिकने वाले चिकन भी अभी 100 रुपए में बेचने पड़ रहे हैं.
अंडा व्यापार भी भरमाया
बर्ड फ्लू के आने के बाद से अंडा विक्रेताओं में भी निराशा है. 4 दिनों के आंकड़ों के हिसाब से अंड़ो की खरीद में भी कमी आई. गया के थोक अंडा विक्रेता ने बताया कि अभी एक सप्ताह से 20 प्रतिशत सेल्स में कमी आई है. सर्दियों के दिनों में अंडों पर आम तौर पर बड़ा इंवेस्टमेंट किया जाता है, जो पेमेंट एडवांस में हो चुका है, वो तो लगभग फंस ही गया है.
English Summary: chicken industry is in heavy loss due to bird flu know more about price fall and lack of demand
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