ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने चना को फ्यूचर मार्केट, एनसीडीएक्स से अलग रखने की माँग की है। इसके लिए एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष, सुरेश गुप्ता व सचिव दिनेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को ज्ञापन भी भेजा है।
एसोसिएशन ने अपील की है कि चना को फ्यूचर मार्केट से अलग रखा जाए ताकि कुछ चुनिंदा लोग इसका उपयोग सट्टे के रूप में न कर पाए। सट्टेबाजी के फलस्वरूप देश के किसानों एवं व्यापारियों को खासा नुकसान हो रहा है। कुछ चुनिंदा व्यापारियों पर निशान साधते हुए कहा कि वह एनसीडीएक्स में बड़ी तेजी-मंदी करते हैं तथा चना को अपने अनुरूप चलाते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि छोटा किसान आवश्यकता से अधिक चना नहीं खरीद सकता है। ऐसा कार्य कुछ चुनिंदा सटोरिए ही करते हैं।
दरअसल सट्टा बाजार के द्वारा एक दिन चना में तेजी लाती है तो दूसरे दिन मंदी आ जाती है जिससे चना का वास्तविक व्यापार काफी प्रभावित होती है। बाजार को घटाने एवं बढ़ाने के लिए वह मार्जिन कम या ज्यादा कर देते हैं। उदाहरण के तौर पर एक हजार चना खरीदा और कुछ दिन बाद मार्जिन 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जिससे व्यापारी को तुरंत डिफरेंस मार्जिन चुकानी पड़ती है। यदि व्यापारी ऐसा नहीं कर पाता तो रुपए के बदले स्टाक में से चने को एक दो दिन बिक्री करनी पड़ती है।
यह सब गतिविधियाँ सटोरिए प्रत्येक महीने की 10 तारीख के बाद 20 तारीख तक कर लेते हैं क्योंकि 20 को हर महीने चने की कट ( सेटलमेंट डिलिवरी) होती है।
ऐसे में भारतीय दाल मिल एसोसिएशन ने सरकार से अपील की है चना को एनसीडीएक्स व्यापार से अलग रखना चाहिए जिससे किसानों एवं चना व्यापारियों को नुकसान न उठाना पड़े।
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