राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मौसम के मिजाज में अचानक से परिवर्तन देखने को मिल सकता है. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है. साथ ही कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है. गौरतलब है कि जुलाई माह में दिल्ली असमान्य रूप से भारी बारिश हुई थी. वहीं अगस्त में सामान्य बारिश होने की संभावना है.
इसके अलावा,आईएमडी ने अगले 24 घंटे में यूपी के कई इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है. वहीं मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं, जिससे वहां के लोगों को राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि बारिश अभी नहीं थमेगी. इसके अलावा, मौसम विभाग ने बारिश के पूर्वानुमान में बताया है कि पश्चिम बंगाल में अगले 48 घंटों में भारी बारिश होगी, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी खराब हो सकती है. ऐसे में आइए निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर के मुताबिक आगामी 24 घंटों के मौसम किया पूर्वानुमान-
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमजोर होकर उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ है. इसी जगह पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है.
मानसून की रेखा अब अनूपगढ़ से होती हुई उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बने हुए नंदगांव के क्षेत्र के मध्य से गुजर रही है तथा वाराणसी पटना और मालदा होते हुए त्रिपुरा की तरफ जा रही है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना हुआ है और यह समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा उससे सटे हुए पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है. उत्तराखंड, बिहार के कुछ भागों, पश्चिम बंगाल, झारखंड के एक-दो स्थानों सहित तटीय कर्नाटक, कोकण तथा गोवा, सिक्किम के कुछ भागों, असम, मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक दो स्थानों पर कुछ देर के लिए तेज वर्षा संभव है.
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ भागों, उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में, बचे हुए मध्यप्रदेश में, विदर्भ, केरल, दक्षिणी गुजरात और उड़ीसा के कुछ भागों में हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है. हल्के से बहुत हल्की बारिश पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटका के आंतरिक भागों, तमिलनाडु में, बचे हुए उत्तर पूर्वी भारत, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और लक्षदीप में संभव है.
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