
अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही देश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ली है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, हरियाणा और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है. बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया और पश्चिमी विक्षोभ के कारण यह बदलाव देखने को मिल रहा है. कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है, जिससे तापमान में गिरावट आई है और हल्की ठंडक महसूस की जा रही है.
उत्तर प्रदेश और बिहार में कई जिलों में येलो और रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, पहाड़ी राज्यों में भी तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों में और भी अधिक बारिश होने की संभावना जताई है.
दिल्ली में मानसूनी बारिश जैसी स्थिति
दिल्ली में अक्टूबर के शुरू होते ही अचानक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मानसून के औपचारिक रूप से विदा होने के बावजूद बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में दशहरे के दिन बारिश ने लोगों को चौंका दिया. सफदरजंग में 14 मिमी और पीतमपुरा में 20 मिमी बारिश दर्ज की गई.
शुरुआत में मौसम विभाग ने कोई चेतावनी नहीं दी थी, लेकिन बाद में येलो अलर्ट जारी किया गया. आईएमडी के अनुसार, 3 अक्टूबर तक बादल छाए रहने और बारिश की संभावना है, जबकि 4 अक्टूबर को मौसम साफ रह सकता है. हालांकि 5 से 7 अक्टूबर के बीच फिर से तेज बारिश की संभावना जताई गई है.
उत्तर प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट
यूपी में मौसम विभाग ने राज्य के 40 से अधिक जिलों में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है. प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, फतेहपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, अयोध्या, लखीमपुर खीरी और बहराइच जैसे जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है.
यहां 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. कई जिलों में बिजली गिरने और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है. इस कारण से जन-धन की हानि की आशंका जताई गई है. इसके अलावा कुछ जिलों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश के आसार भी बने हुए हैं.
बिहार में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
बिहार में मौसम विभाग ने अत्यंत भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. पश्चिम चंपारण, कैमूर और गया जिलों में रेड अलर्ट जारी करते हुए भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है. वहीं, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, औरंगाबाद, नवादा और रोहतास जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. पटना सहित अन्य जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना है.
अगले 4-5 दिनों के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है, साथ ही बिजली गिरने और तेज हवाओं की आशंका भी है. दिन और रात के तापमान में अंतर कम होने के कारण सुबह के समय हल्की सिहरन महसूस की जा सकती है.
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने देहरादून, नैनीताल, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चंपावत और उधम सिंह नगर जिलों में मध्यम से तेज बारिश की चेतावनी जारी की है. इन जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है.
विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका के कारण यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है.
हरियाणा के 12 जिलों में भारी बारिश का अनुमान
हरियाणा के 12 जिलों- यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, चरखी-दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, नूंह, पलवल और फरीदाबाद में 3 अक्टूबर को बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार 4 और 5 अक्टूबर को सिरसा और फतेहाबाद को छोड़कर पूरे प्रदेश में बारिश हो सकती है. विशेषकर यमुनानगर, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भारी बारिश की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है.
दक्षिण भारत: बंगाल की खाड़ी से उठे सिस्टम का असर
दक्षिण भारत में भी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के चलते बारिश का असर देखने को मिल सकता है. खासकर तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है.
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में और सक्रिय हो सकता है, जिससे दक्षिण भारत के राज्यों में भी गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है.
सावधानी और सतर्कता जरूरी
देश के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाएं, भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. खासतौर पर किसानों, स्कूलों, यात्रियों और खुले स्थानों पर कार्य कर रहे लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. साथ ही निचले इलाकों में जलभराव की समस्या को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है.
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