
सितंबर का महीना समाप्ति की ओर है और मानसून विदाई के साथ अपना असर दिखा रहा है. देश के कई हिस्सों में उमस भरी गर्मी से लोग परेशान हैं, वहीं कुछ राज्यों में बारिश के आसार बने हुए हैं. मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, एक कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम विदर्भ और उससे सटे उत्तर मध्य महाराष्ट्र में बना हुआ है, जिसके चलते गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण में भारी वर्षा की संभावना है.
वहीं दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में अभी गर्मी और उमस बनी रहेगी. हालांकि, 30 सितंबर तक पूर्वी और मध्य भारत में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो सकता है. ऐसे में किसानों और आम जनता दोनों को आने वाले दिनों में मौसम के बदलते मिज़ाज का असर महसूस करना होगा.
दिल्ली-एनसीआर में कब होगी बारिश?
राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में आज (29 सितंबर) को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे. मौसम विभाग का अनुमान है कि 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को हल्की बूंदाबांदी हो सकती है. हालांकि, भारी बारिश की संभावना नहीं है. इस दौरान अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ेगा. लगातार सूखा मौसम और बारिश की कमी से प्रदूषण भी बढ़ने की आशंका है.
उत्तर प्रदेश में शुष्क मौसम
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में फिलहाल मौसम शुष्क रहने वाला है. हालांकि, पूर्वी यूपी के जिलों में अगले दो से तीन दिनों में हल्की बारिश हो सकती है. दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रहने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, दशहरे के मौके पर राज्य में हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है, लेकिन भारी वर्षा की कोई संभावना नहीं है. किसानों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि बरसात की कमी फसलों की पैदावार पर असर डाल सकती है.
बिहार में फिर से लौटेगी बरसात
बिहार में पिछले एक सप्ताह से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है. अगले दो दिनों तक राहत मिलने के आसार नहीं हैं. लेकिन मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 1 से 4 अक्टूबर के बीच राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है. खासकर 3 और 4 अक्टूबर को कुछ इलाकों में बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है. इस बारिश से जहां किसानों को राहत मिलेगी, वहीं लंबे समय से उमस झेल रहे लोगों को भी ठंडी हवाओं का एहसास होगा.
उत्तराखंड का मौसम सामान्य
उत्तराखंड में आज ज्यादातर जगहों पर मौसम साफ या आंशिक रूप से बादल वाला रहेगा. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बौछार पड़ सकती है. तापमान सामान्य के आसपास रहने की संभावना है. हालांकि, इस साल राज्य ने बारिश और बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही देखी है. प्राकृतिक आपदाओं में कई लोगों की जानें गईं और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए. इस समय बरसात की कमी पर्यटकों के लिए तो राहत है, लेकिन किसानों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.
राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट
राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय होता दिख रहा है. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, 28 सितंबर से 3 अक्टूबर तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां होंगी. कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर, अजमेर और जोधपुर संभाग के कुछ भागों में वर्षा की संभावना है. खासकर उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई, जबकि पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क रहा.
कई जिलों में येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने राजस्थान के 8 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. इनमें भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और जालौर शामिल हैं. इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ मेघगर्जन की संभावना है. आकाशीय बिजली गिरने और 20–25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का भी अनुमान है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
गुजरात, महाराष्ट्र और कोंकण में बारिश
पश्चिम विदर्भ और उससे सटे महाराष्ट्र में बने कम दबाव के क्षेत्र का असर गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण के हिस्सों में दिख सकता है. यहां भारी वर्षा होने की संभावना है. इस बारिश से जहां खरीफ फसलों को फायदा हो सकता है, वहीं निचले इलाकों में जलभराव की समस्या भी बढ़ सकती है.
Share your comments