
भारत में यह समय गर्मी और उमस का है, खासकर दिल्ली‑एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे क्षेत्रों में. लोग दिनभर तेज धूप और रात में उमस से परेशान हैं. मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो दिन में दिल्ली‑एनसीआर क्षेत्र में आंशिक बादल और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, और तापमान 33–37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. दूसरी ओर, महाराष्ट्र और गोवा में इस समय भारी वर्षा जारी है, जबकि मध्य प्रदेश और कुछ अन्य प्रदेशों में हल्की बूंदाबांदी हो रही है.
हालांकि आज मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सौराष्ट्र और कच्छ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के भी कई इलाके ऐसे हैं जहां बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं. इस तरह, देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज एकदम बदल रहा है- कहीं राहत देने वाली बूंदाबांदी, तो कहीं भारी वर्षा के अलर्ट.
दिल्ली-एनसीआर में उमस से राहत मिलेगी या नहीं?
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से उमस भरी गर्मी बनी हुई है. लोग सुबह से ही ठंडी छांव और बारिश की उम्मीद लगाए रहते हैं. मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिन (30 सितंबर और 1 अक्टूबर) में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं, और हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है. हालांकि, यह बारिश इतनी जोरदार नहीं होगी कि तापमान में काफी गिरावट लाए.
अनुमान है कि अधिकतम तापमान 33 से 37 डिग्री के बीच और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री तक रहेगा. इस तरह, दिल्लीवासियों को पूर्ण राहत नहीं मिल पाएगी, लेकिन उमस में थोड़ी कमी ज़रूर महसूस होगी.
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की उम्मीद अभी कम
उत्तर प्रदेश में इस समय तेज धूप और उमस का दबदबा है. दिन में सूरज की तपिश और रात में बहती हवा भी राहत नहीं देती. मौसम विभाग का अनुमान है कि सितंबर माह में यह रुझान जारी रहेगा. आज प्रदेश के किसी भी हिस्से में भारी बारिश होने की संभावना नहीं है. हालांकि, छिटपुट बारिश और गरज-चमक के साथ कुछ बौछारें पड़ने की संभावना ज़रूर है. लेकिन बड़े पैमाने पर बारिश की कोई गारंटी नहीं है.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 2 अक्टूबर के बाद कुछ स्थानों पर बारिश के संकेत मिलने लगे हैं, लेकिन राज्य भर में समान रूप से बदलाव की उम्मीद अभी नहीं जताई गई है.
बिहार में उमस और गर्मी का संघर्ष
बिहार में लोगों को इस समय दिन में तेज धूप और रात में भारी उमस से जूझना पड़ रहा है. कई जगहों पर गर्मी ने जनजीवन को प्रभावित किया है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सितंबर माह में राहत मिलने की संभावना कम है.
हालांकि, 1 से 4 अक्टूबर के बीच बारिश की गतिविधियां तेज हो सकती हैं, और 4-5 अक्टूबर को भारी वर्षा की आशंका जताई जा रही है. यदि यह पूर्वानुमान सटीक सावित हुआ, तो किसान, आम जनता और नदी किनारे बसे इलाकों को राहत मिल सकती है. लेकिन फिलहाल बिहार में गर्मी-उमस ही मुख्य समस्या बनी हुई है.
हिमाचल प्रदेश में बदलाव का असर
हिमाचल प्रदेश में मौसम थोड़ा अलग रूप लेने लगा है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 4-5 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है. खासकर ऊंचे इलाके, घाटियों और पर्वतीय क्षेत्रों में यह गतिविधियां अधिक दिखाई दे सकती हैं.
तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर रहने का अनुमान है, लेकिन अचानक बदलने वाली बारिश और चढ़ाई-उतार वाली ठंडी हवाएं स्थानीय लोगों के लिए चुनौती बन सकती हैं. इसलिए, पर्यटक और स्थानीय लोग आगामी दिनों में मौसम अपडेट पर ध्यान रखें.
राजस्थान में मानसून विदाई के बीच बारिश का अनियंत्रित दौर
राजस्थान में मौसम ने अचानक करवट ली है. जयपुर सहित कई जिलों में हल्की बारिश व बूंदाबांदी हुई है. जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले चार दिनों (3-4-5-6 अक्टूबर) के लिए उदयपुर, कोटा संभाग और 19 अन्य जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है.
मुख्य कारण एक स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र (वेल-मार्क्ड लो प्रेशर) है, जो मानसून की विदाई को कई जिलों में बारिश के साथ रूप देने की क्षमता रखता है. अगले 120 घंटों तक बारिश की संभावना बनी रहेगी.
अन्य राज्य: बारिश की संभावनाएं और चेतावनियां
महाराष्ट्र और गोवा में इस समय भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जो कम दबाव क्षेत्र और मानसूनी गतिविधियों का असर दिखाता है. वहीं मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों में हल्की बारिश की गतिविधियां देखी जा रही हैं.
मौसम विभाग ने सौराष्ट्र एवं कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है, इसलिए इन क्षेत्रों के लोग सावधानी बरतें. पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और बिहार के कुछ हिस्सों में भी इस बारिश की लहर पहुंच सकती है. इस समय सड़क, नदी किनारे इलाकों और निचले इलाकों में जलभराव की संभावना बनी हुई है.
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