1. Home
  2. मौसम

Cloud Seeding: अब आसमान में आएंगे बादल तो बरसेंगे भी! IIT कानपुर का परीक्षण सात साल बाद हुआ पूरा

Weather News: किसानों के लिए खुशखबरी, अब बादल आने पर बारिश जरूरी होगी. दरअसल, पिछले कुछ सालों के IIT कानपुर के द्वारा बादलों पर परीक्षण किया जा रहा था, जिसे अब पुरा कर लिया गया है. अब से प्रदेश में बादल आएंगे, तो वह बिना बारिश किए वापस नहीं जा पाएंगे. यहां जानें वैज्ञानिकों के इस परीक्षण की पूरी डिटेल...

लोकेश निरवाल
अब वैज्ञानिक तरीके से होगी बारिश
अब वैज्ञानिक तरीके से होगी बारिश

अक्सर देखा गया है कि आसमान में घने बादल छा जाते हैं, लेकिन कई बार वह बिना बारिश किए ही वापस लौट जाते हैं. अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल, आइआइटी कानपुर/ IIt Kanpur ने एक ऐसा तरीका खोजा है, जिसकी मदद से अब बादल बिना बारिश किए नहीं जाएंगे. आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे हो सकता है. IIT कानपुर में बादलों पर परीक्षण किया जा रहा है. ताकि प्रदेश में ‘कृत्रिम बारिश’ कराई जा सके. इस कार्य पर IIT के द्वारा साल 2017 से परीक्षण चल रहा है.

बता दें कि आइआइटी कानपुर के द्वारा किए गए इस कृत्रिम बारिश/Artificial Rain के बारे में विस्तार से जानते हैं कि ऐसे कैसे संभव हो सकता है.

साल 2017 से चल रहा परीक्षण

IIT कानपुर में कृत्रिम बारिश को लेकर साल 2017 से परीक्षण चल रहा है, जो कि अब जाकर पूरा हुआ है. देखा जाए तो IIT कानपुर का परीक्षण सात साल बाद पूरा हुआ. अनुमान है कि इस महीने के अंत तक बादलों से कृत्रिम बारिश हो सकती है. बताया जा रहा है कि इस कार्य पर आइआइटी कानपुर के प्रो.मणींद्र अग्रवाल के द्वारा परीक्षण किया जा रहा है, जो कि पूरा हो चुका है. अब वह इसकी प्रदर्शन की तैयारी में लगे हुए है. वहीं, इस परीक्षण को सफल रूप से पुरा होने के लिए डीजीसीए ने अधिकतम ऊंचाई पर विमान उड़ाने की मंजूरी भी दे दी है.

IIT के प्रोजेक्ट से ऐसे होगी कृत्रिम बारिश

अब आप सोच रहे होंगे कि कृत्रिम बारिश कैसे होगी, तो बता दें कि क्लाउड सीडिंग जैसे कृत्रिम बारिश भी कहते हैं, वह विमानों के इस्तेमाल से करवाई जाएगी. इसके लिए बादलों में पहले सिल्वर आइोडइड, साल्ट और ड्राई आइस को छोड़ा जाएगा. जो बादल को बारिश कराने में मदद करेगा. बता दें कि इस प्रयोग को कम वर्षा वाले स्थानों पर किया जाता है, ताकि वह समय-समय पर बारिश की जा सके. 

ये भी पढ़ें: देश के कई राज्यों में 17 मार्च तक बारिश का अलर्ट, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की चेतावनी

कृत्रिम बारिश से मिलेंगे कई फायदे

कृत्रिम बारिश होने से किसानों को ही नहीं बल्कि आम जनता को भी फायदा पहुंचेगा. कृत्रिम बारिश होने से हवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और साथ ही वायु प्रदूषण स्तर में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. आइआइटी कानपुर के इस प्रोजेक्ट की जानकारी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पहले ही भेज दी गई है. ताकि इस कार्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो सके.

English Summary: up weather news iit kanpur created a method of Cloud Seeding lucknow city Artificial rain Published on: 14 March 2024, 12:45 PM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News