
Weather News: उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत तक, इस सप्ताह मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. पश्चिमी विक्षोभ, चक्रवाती परिसंचरण और ट्रफ रेखा जैसे मौसमी तंत्र सक्रिय हैं, जिनके कारण देश के अनेक हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा, गरज-चमक, तेज हवाएं और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार, 11 से 15 अप्रैल के बीच यह प्रभाव विशेष रूप से उत्तराखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, केरल और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम में अधिक रहेगा.
किसान भाइयों से आग्रह है कि मौसम की इस गतिविधि को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों, सब्जियों और बागवानी की सुरक्षा के उपाय समय पर करें. पकी हुई फसल को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर रख लें या तिरपाल से ढककर रखें. वहीं, पशुपालकों को सलाह है कि अपने पशुओं को बारिश और ओलों से बचाने के लिए शेड में रखें, और चारा-सामग्री को सूखी जगह पर संग्रहित करें. ऐसे में आइए IMD के अनुसार मौसम पूर्वानुमान की जानकारी विस्तार से जानते हैं-
देशभर में बारिश और मौसम प्रभाव की स्थिति:
उत्तर भारत में कैसा रहेगा मौसम
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 11 और 12 अप्रैल को गरज के साथ बारिश, तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और ओलावृष्टि हो सकती है. पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तेज अंधड़ (50-60 किमी/घंटा) और धूल भरी आंधी की चेतावनी है. इन राज्यों के किसानों को सलाह दी जाती है कि वो अपने खेतों में पड़ी फसलों को तुरंत समेट लें और बागवानी फसलों की ओलों से सुरक्षा करें.
पूर्वोत्तर और पूर्व भारत में कैसा रहेगा मौसम
असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 11 से 15 अप्रैल तक भारी बारिश की संभावना है. बिहार और झारखंड में भी गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है. इन क्षेत्रों में जलभराव से बचने के लिए खेतों में नाली बनाकर अतिरिक्त पानी की निकासी करें.
मध्य और पश्चिम भारत में कैसा रहेगा मौसम
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 11 से 14 अप्रैल के दौरान हल्की से मध्यम वर्षा के साथ ओलावृष्टि हो सकती है. तेज हवाओं से खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है. इसलिए सब्जियों को गिरने से बचाने के लिए सहारा (स्टेकिंग) देना जरूरी है. कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना भी है. किसान बारिश और आंधी के समय खेतों में काम करने से बचें.
दक्षिण भारत में कैसा रहेगा मौसम
केरल और माहे में अगले 7 दिनों तक गरज-चमक और तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) के साथ लगातार हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश में भी अगले 3-4 दिनों तक बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं. ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में 11 अप्रैल को थंडरस्क्वॉल (50-60 किमी/घंटा की तेज हवाएं) की चेतावनी जारी की गई है.
किसानों के लिए सलाह:
ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्र (उत्तराखंड, हिमाचल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़):
- पकी हुई फसलों को खेत से निकालकर सुरक्षित स्थान पर रखें.
- बागवानी फसलों पर 'हेल नेट' या तिरपाल लगाएं.
- अगर सेब, आम, लीची या अन्य फलों के बाग हैं, तो उन्हें हवा और ओलों से बचाने के लिए मजबूत सहारा दें.
बारिश और जलभराव प्रभावित क्षेत्र (असम, बिहार, मेघालय, अरुणाचल):
- सब्जियों और अन्य जल्दी खराब होने वाली फसलों की कटाई कर लें.
- खेतों में नाली बनाएं ताकि पानी एकत्र न हो और फसल सड़ने से बच सके.
तेज हवाओं वाले क्षेत्र (राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा):
- सब्जियों को गिरने से बचाने के लिए बांस या डोरी का सहारा दें.
- प्लास्टिक मल्च या तिरपाल से खेतों की नमी बचाई जा सकती है.
पशुपालन / मत्स्य पालन सलाह
- बारिश और ओलावृष्टि के समय जानवरों को शेड में रखें.
- चारा और दाना पानी से बचाकर रखें, ताकि वह खराब न हो.
- मछली पालक तालाबों के चारों ओर मजबूत जाली लगाएं, जिससे ज्यादा पानी बहने की स्थिति में मछलियां बाहर न निकलें.
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