अप्रैल या हिन्दी में चैत्र का महीना किसानों के लिए बहुत ही अहम माना जाता है क्योंकि इसी महीने में रबी की ज्यादातर फसले पक चुकी होती है या पकने के कगार पर होती है. यही कारण है कि किसान इसी महीने में अपनी फसल की कटाई करते है. ऐसे में चैत्र माह का मौसम की जानकारी होना बहुत ही जरूरी हो जाता है. यदि मौसम अचानक बदल जाता है किसानों को मुसीबत उठानी पड़ सकती है-तो चलो अब हम जान लेते है कल का मौसम कैसा था और आज का मौसम कैसा रहेगा.
मौसमी सिस्टम
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तरी अफगानिस्तान के साथ ही उत्तरी पाकिस्तान वाले क्षेत्रों में एक पश्चिमी विक्षोभ या हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं पुर्वीत्तर राज्य असम के दक्षिणी भाग पर भी एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र सक्रिय है. पश्चिम बंगाल से पूर्वी मध्य प्रदेश से होते हुए विदर्भ तक ट्रफ रेखा उत्तर-दक्षिण की और जा रही है. वहीं एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों पर बना हुआ है.
24 घंटो के दौरान दर्ज मौसम
पिछले 24 घंटो के दौरन देश में दर्ज किए गए मौसम की बात करें तो राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, और विदर्भ के साथ मराठवाड़ा में भी गर्म हवा या लू जैसे हालत बने हुए है. जबकि नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई. पूर्वी राज्य असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश दर्ज की गई. वही गंगा के सटे तराई क्षेत्रो की बात करें तो पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के साथ-साथ दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम में होने वाली गतिविधियां
आगे आने वाले 24 घंटो के मौसम की बात करें तू पूर्वी राज्य मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में मध्यम से भारी बारिश होने के अनुमान लगाए जा रहे है. उत्तर-पूर्वी राज्य हिमाचल उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में छिटपुट बारिश होने के आसार लगाए जा रहे है. केरल और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिणी भागों में एक-दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. इसके आलावा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा स्थानों पर कल जैसी ही लू चलने कर आसार है.
साभार: skymetweather.com
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