दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है. सुबह और शाम के समय अब ठंडक बढ़ने लगी है, जबकि दोपहर के वक्त हल्की गर्माहट अभी भी महसूस हो रही है. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में धूप का असर धीरे-धीरे कम होगा, जिससे दिन में भी ठंड का अहसास बढ़ जाएगा. अक्टूबर के अंत तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.
वहीं, दूसरी ओर राजधानी की हवा में प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. वर्तमान में दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच चुकी है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती जा रही है. बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण का यह दौर लोगों के लिए असुविधाजनक साबित हो सकता है.
सुबह-शाम ठंड, दिन में धूप
दिल्ली का मौसम फिलहाल सुहावना बना हुआ है. सुबह और देर रात के समय ठंडी हवाएं चलने लगी हैं, जिससे हल्की ठिठुरन महसूस हो रही है. हालांकि, दिन के समय तेज धूप निकलने से हल्की गर्माहट बनी रहती है. सुबह के समय हल्की धुंध भी छाई रहती है, जिससे दृश्यता पर असर पड़ता है.
आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. कुछ दिनों पहले दिल्ली का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था, जिसमें अब करीब 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. इस बदलाव से संकेत मिल रहा है कि ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है.
पहाड़ों पर समय से पहले बर्फबारी
उत्तर भारत के मौसम में बदलाव का असर पहाड़ी इलाकों में साफ देखा जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में इस साल सामान्य समय से पहले ही बर्फबारी शुरू हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार, बर्फबारी के कारण तापमान में करीब 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है. मनाली और लाहौल-स्पीति जैसे क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी के बाद ठंड में तेज़ी आई है.
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का यह दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में अगले तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है.
दक्षिण भारत में भारी बारिश की चेतावनी
मॉनसून के कमजोर पड़ने के बावजूद दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का खतरा बना हुआ है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 24 से 28 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु, केरल, माहे, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम-रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी ने 24 अक्टूबर और 26 से 28 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु में गरज-चमक के साथ बारिश और तूफान की आशंका जताई है. वहीं, 27 और 29 अक्टूबर को केरल और माहे, तथा 24-26 अक्टूबर को उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में भी भारी बारिश की संभावना है.
पश्चिम भारत में भी जारी रहेगा बारिश का दौर
पश्चिमी भारत के कुछ राज्यों में भी बारिश का सिलसिला बना रहेगा. मौसम विभाग ने बताया है कि 24 अक्टूबर को कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. 25 और 26 अक्टूबर को गुजरात क्षेत्र और सौराष्ट्र-कच्छ में भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा, अगले पांच दिनों के दौरान कोंकण और गोवा, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई गई है.
उत्तर भारत में तापमान में गिरावट का दौर
उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में अब ठंड का असर महसूस होने लगा है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश को छोड़कर उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी.
वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसी अवधि में तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है. इससे सुबह और रात के समय ठंड बढ़ेगी, जबकि दिन में भी हल्की ठंडक महसूस की जाएगी. दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की शीतलहर चलने की संभावना है.
अंडमान-निकोबार में गरज के साथ बौछारें
मौसम विभाग के अनुसार, 24 और 25 अक्टूबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. वहीं, 26 अक्टूबर को कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है. अगले पांच दिनों के दौरान अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और ओडिशा में बिजली चमकने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई गई है. यह स्थिति समुद्री गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है.
मछुआरों के लिए अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने 25 अक्टूबर के बाद दक्षिण-पश्चिम और बंगाल की खाड़ी से सटे मध्य क्षेत्र में तेज हवाओं और खराब मौसम की चेतावनी जारी की है. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है. ऐसे में मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 25 अक्टूबर के बाद समुद्र में न जाएं और सुरक्षित तटों पर रहें.
Share your comments