Cyclone Tej Latest Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर एक दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटों में एक चक्रवात में बदल सकता है, जबकि एक कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. अरब सागर में मानसून के बाद के पहले तूफान को 'तेज' कहा जाएगा, जैसा कि भारत ने नाम दिया है और फिलहाल यह यमन और ओमान की ओर बढ़ रहा है और इससे गुजरात को कोई खतरा नहीं होगा. हालांकि, चक्रवात कभी-कभी अपना मार्ग बदल लेते हैं. वहीं, अहमदाबाद में मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, "22 अक्टूबर की शाम तक इसके भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने और दक्षिण ओमान और यमन तट की ओर बढ़ने की आशंका है."
उन्होंने कहा, “चूंकि चक्रवात पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा, इसका गुजरात (जो पूर्व में स्थित है) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वहीं, अगले सात दिनों तक गुजरात में मौसम शुष्क रहेगा.”
'बिपरजॉय' छोड़ गया था तबाही का मंजर
गुजरात के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि तूफान यमन और ओमान की ओर बढ़ रहा है. हालांकि, जून में अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में तबाही का मंजर छोड़ गया. शुरुआत में यह पश्चिम की ओर बढ़ रहा था, लेकिन बाद में इसकी दिशा बदल गई और यह कच्छ में टकराया.
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
वहीं, आईएमडी ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि चक्रवाती तूफान के 22 अक्टूबर को 'गंभीर' चक्रवाती तूफान में और तेज होने की भविष्यवाणी की गई है. मालूम हो कि चक्रवाती तूफान की विशेषता 62 किमी प्रति घंटे से 88 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवा की गति होती है. यदि हवा की अधिकतम गति 89 किमी प्रति घंटे से 117 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाए तो इसे गंभीर चक्रवाती तूफान कहा जाता है.
'तेज' नाम क्यों?
चक्रवात 'तेज' का नाम भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों के नामकरण के लिए अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार रखा है. यह अप्रैल 2020 में WMO/ESCAP पैनल द्वारा अपनाए गए नामों की सूची में शामिल है.
चक्रवात के नाम हर कुछ वर्षों में 13 सदस्य देशों द्वारा चुने जाते हैं और एक क्रम में अपनाए जाते हैं. वहीं, नाम तटस्थ होने चाहिए और किसी भी तरह से किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने वाले होने चाहिए. वे छोटे होने चाहिए, उच्चारण करने में आसान होने चाहिए और उनमें आठ या उससे कम अक्षर होने चाहिए. एक बार जब सदस्य देशों द्वारा नाम चुन लिए जाते हैं, तो उन्हें क्रमिक क्रम में कॉलम-वार प्रारूप में उपयोग किया जाता है. 'तेज' के बाद आने वाले चक्रवाती तूफान का नाम ईरान में 'हमून' होगा. 'तेज' से पहले आई 'बिपरजॉय' तूफान को बांग्लादेश ने चुना था.
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