Success Story: हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो आज के समय में खेती-किसानी व पशुपालन में नई-नई तरीकों को अपनाकर हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं. आज हम ऐसे ही एक सफल किसान की कहानी लेकर आए हैं, जो खेती कर सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं और साथ ही उन्होंने अपना खुद का डेयरी फार्मिंग/ Dairy Farming भी खोला हुआ है. दरअसल, जिस किसान की हम बात कर रहे हैं, वह सफल किसान गुरदत्त सिंह है, जो 19 साल के एक युवा किसान हैं.
किसान गुरदत्त सिंह कुरुक्षेत्र, हरियाणा के रहने वाले हैं. यह पिछले 6 साल से डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं और साथ ही 12वीं के बाद से ही खेती-किसानी/ Farming करते आ रहे हैं. इनके पास 11 एकड़ खेत है. किसान गुरदत्त सिंह ने बताया कि वह अपने खेत में आलू, धान, मक्का और गेहूं की खेती करते हैं.
पशुपालन से ही हर महीने एक लाख की कमाई
किसान गुरदत्त सिंह ने बताया कि डेयरी फार्मिंग के लिए उनके पास 20 पशु हैं. जिसमें 9 गाय और 11 मुर्रा नस्ल की भैंसे हैं. उन्होंने आगे बताया कि सिर्फ पशुपालन से ही हर महीने वह एक लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं. किसान गुरदत्त सिंह ने अभी 8 किले में आलू की खेती की हुई है. इसके अलावा, उन्होंने अपने खेत में गेहूं की खेती/ Wheat Cultivation की है. जिसे वह पूरी तरह से जैविक तरीके से करते हैं. ताकि फसल का विकास अच्छे से हो सके और साथ ही उत्पादन भी अधिक प्राप्त कर सकें.
अगर मंडीकरण की बात करें, तो किसान गुरदत्त अपनी उपज का मंडीकरण अपने शहर में ही करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी एक दुकान है, जहां पर ग्राहक खुद आकर गाय और भैंस का दूध लेते हैं. वह दोनों ही पशुओं का दूध वह 60 रुपये/लीटर बेचते हैं.
धान की खेती से 9 लाख रुपये का मुनाफा
अगर सालाना लागत और मुनाफे की बात करें तो गुरुदत्त सिंह ने कहा कि वह सिर्फ धान की 11 एकड़ खेती से ही 9 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त कर लेते हैं. वहीं इसमें लागत को लेकर उनका कहना है कि प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपये लागत आती है. गेहूं में प्रति एकड़ 10 से 15 हजार रुपये लागत आती है और मुनाफा धान की फसल के बराबर का मिलता है.
किसान अपने खेत में अपने आप करें काम
किसान गुरदत्त सिंह ने कृषि जागरण के माध्यम से कहा कि अगर आप कोई भी काम करते हैं, तो यह न सोचें कि इसमें मुझे घाटे का सामना करना पड़ेगा. आपको बस यह सोचना है कि मुझे काम करना है, वो भी ईमानदारी के साथ करना है. इसी के साथ उन्होंने किसानों के लिए कहा कि अगर आप खेती करते हैं, तो मन लगाकर काम करें.
किसान जितना हो सके अपने खेत में खुद से काम करें, न कि वह अपने खेत में मजदूरों को लगाकर काम करें. ज्यादातर किसान अपने खेत में मजदूरों को लगाकर खेती करते हैं, जिससे उनकी लागत काफी अधिक आती है और उन्हें खेती में कुछ भी नया सीखने को भी नहीं मिलता है. इसलिए किसान अपने खेत में अपने आप काम करें. ऐसा करने से उन्हें खेती से जुड़ी अधिक जानकारियों के बारे में पता चल सकेगा और साथ ही लागत में भी कमी आएगी.
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