Richest Female Farmers of India: जब बात किसी अमीर इंसान की आती है, तो हमारे मन में किसी बिजनेसमैन का ख्याल आता है. लेकिन, शायद ही हम किसी किसान का चेहरा एक अमीर इंसान के तौर पर देखते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है की खेती से कमाई जरूर की जा सकती है. लेकिन, अमीर नहीं बना जा सकता. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो आप गलत है. भारत में ऐसे कई किसान हैं, जो अमीरों की सूची में आते हैं. अगर आप उनकी कमाई जान लें, तो हैरान रह जाएंगे. मौजूदा वक्त में खेती को अगर एक व्यवसाय के तौर किया जाए, तो ये एक मुनाफे का सौदा है. देश के कई किसान खेती से लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं.
खेती में वैसे तो पुरुषों की बात अक्सर होती है. लेकिन, महिलाओं का योगदान भी पुरुषों के बराबर है. मौजूदा वक्त में ऐसी कई महिला किसान हैं, जो आधुनिक तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं और अन्य महिला किसानों के लिए नजीर पेश कर रही हैं. कृषि जागरण की इस खबर में हम आपको भारत की अमीर महिला किसानों (Female Richest Farmers in India) के बारे में बताएंगे. जिन्होंने खेती को न सिर्फ कमाई का एक जरिया बनाया, बल्कि इससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रही हैं. आइए देश की टॉप 5 महिला किसानों के बारे में जनते हैं.
अन्नू कानावत
अमीर किसानों को इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर राजस्थान के बिलाड़ा की रहने वाली अन्नू कानावत का नाम आता है. अन्नू कानावत एक किसान होने के साथ-साथ बिजनेस भी हैं, जो मुख्य तौर पर मशरूम की खेती करती हैं. उन्होंने एग्रीकल्चर में बी.एससी की है. अन्नू ने बताया कि उन्हें बचपन से ही खेती का शौक था. उनका परिवार भी खेती-किसानी से जुड़ा रहा है. जिस वजह से उन्होंने खेती में राह अपनाई. उन्होंने बताया कि वह खेती और प्रोसेसिंग के साथ-साथ किसानों को खेती करने का ट्रेनिंग भी देती हैं, ताकि वह खुद का बिजनेस कर पाएं. उन्होंने मशरूम के लिए अपना खुद का ब्रांड बनाया है. जिसका सालाना टर्नओवर 20 से 25 लाख रुपये है. अपने इस कृषि बिजनेस ने अन्नू कानावत सालाना अच्छी खासी कमाई कर रही हैं.
कविता उमाशंकर मिश्रा
भारत की अमीर महिला किसानों को कर्नाटक की कविता उमाशंकर मिश्रा का नाम भी आता है. वह, कर्नाटक के कविताल गांव की रहने वाली हैं. वह खेती के साथ-साथ एक नर्सरी चलाती हैं. साथ ही बागवानी और पशुपालन भी करती हैं. उन्होंने बताया कि उनके लिए खेती करना आसान नहीं था. वैसे तो उनका सपना एक इंजीनियर बनने का था. लेकिन, शादी के बाद उन्हें काम करने की इजाजत नहीं थी. उनके पति ने उनसे कहा था की उन्हें जो भी करना है, घर पर ही करना होगा. इसके बाद उनके मन में खेती का विचार आया और उन्होंने खेती की राह पकड़ी. आज वह खेती के जरिए लाखों की कमाई कर रही हैं. उन्होंने बताया कि वह कई तरह की फसलों की खेती करती हैं. उनके पास चंदन, आम, आंवला, अमरूद, सागवाना, सीताफल, सहजन, मौसम्बी और काला जामुन जैसे फलों के कई पड़े भी हैं. उन्होंने बताया कि खेती से वह सालाना 25 से 30 लाख रुपये तक की कमाई करती हैं.
डॉ. गायत्री कबी
झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली डॉ. गायत्री कबी, अमीर महिला किसानों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आती हैं. यह पिछले 10 सालों से खेती के साथ-साथ पोल्ट्री फार्मिंग कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 10 सालों से पहले उन्होंने पोल्ट्री फार्मिंग शुरू किया था. आज वह इससे अच्छा मुनाफा कमाने के साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. उन्होंने बताया कि 10 सालों के इस सफर में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी. वह आगे बढ़ती रहीं और अपनी मेहतन के दाम पर आज सफलतापूर्वक पोल्ट्री फार्मिंग कर रही हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में उनके पास 15 हजार की क्षमता वाला एक बड़ा पोल्ट्री फार्म है. इसके अलावा, वह कई प्रकार की सब्जियों और फसलों की भी खेती भी करती हैं.
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर वह इंटीग्रेटेड फार्मिंग करती हैं. जिससे उन्हें सालाना अच्छा मुनाफा हो जाता है. जिसमें ज्यादा उनका फोकस पोल्ट्री फार्मिंग और मछली पालन पर रहता है, जो साथ-साथ चलते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों व्यवसाय में उन्हें मंडीकरण की कोई समस्या नहीं आती है, क्योंकि उनका पहले से ही कंपनी के साथ अनुबंध है. ऐसे में उनका माल सीधा कंपनियों के पास जाता है. जिस वजह से उन्हें इसे मार्केट में बेचने की जरूरत नहीं पड़ती और उनका सारा माल बाहरी देशों में एक्सपोर्ट हो जाता है. उन्होंने बताया कि वह सालाना 30 से 40 लाख रुपये की कमाई कर रही हैं.
रूपम सिंह
भारत की अमीर महिला किसानों में उत्तराखंड की प्रगतिशील किसान रूपम सिंह भी आती हैं. वह उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली हैं. रूपम सिंह ने बीएससी-एमएससी फिशरीज के अलावा डेवलपमेंट प्लानिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन की है. उन्होंने बताया कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कई सालों तक नौकरी की और फिर 2019 में मछली पालन की शुरुआत की. अपनी नौकरी के दौरान वह एक बार राजस्थान गईं थी, जहां उनकी मुलाकात कुछ ग्रामीण महिलाओं से हुई, जो कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद भी बिजनेस कर रहीं थी. उन्हीं ग्रामीण महिलाओं से प्रेरणा लेकर उन्होंने भी अपनी खुद का व्यवसाय शुरू करने की ठानी और मछली पालन की शुरुआत की.
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उन्होंने बताया कि मछली पालन के अलावा उनका फिश फीड का भी व्यवसाय है. वह एक कंपनी की सब डिस्ट्रीब्यूटर हैं और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में फिश फीड की डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखती हैं. उन्होंने बताया कि वह उनके फार्म में सालाना 50 टन से ज्यादा मछलियों का उत्पादन हो जाता है. क्षेत्र के अन्य फार्म और मछली पालकों के मुकाबले उनकी हार्वेस्टिंग काफी ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि वह मुख्य तौर पर पंगेशियस प्रजाती की मछली का पालन करती हैं. मछलियों के उत्पादन से वह सालाना 30 से 40 लाख रुपये की कमाई कर ही हैं.
रत्नम्मा गुंडमंथा
वहीं, भारत की सबसे अमीर महिला किसान (Richest Female Farmer of India) ) की बात करें तो ये खिताब कर्नाटक की रहने वाली रत्नम्मा गुंडमंथा को जाता है. उन्होंने पिछले साल कृषि जागरण द्वारा आयोजित 'मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया' (MFOI) अवॉर्ड शो में देश की सबसे अमीर महिला किसान का खिताब जीता था. रत्नम्मा गुंडमंथा, कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित श्रीनिवासपुरा शहर की रहने वाली हैं. रत्नम्मा फसलों के साथ-साथ कई तरह की सब्जियों और फलों की खेती भी करती हैं. इनके पास खेती योग्य कुल 4 एकड़ जमीन है, जिसमें ये आम, ऑबाजरा और रेशम के कीड़ों का पालन करती हैं. इनके पास दो एकड़ में आम के बगीचे हैं और एक एकड़ में ये बाजारे की खेती करती हैं. इसके अलावा रत्नम्मा गुंडमंथा एक एकड़ में रेशम के कीड़ों का भी पालन करती हैं.
इतना ही नहीं, रत्नम्मा कृषि के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग का काम भी करती हैं. वह अनाज और अनाज माल्ट, अनाज डोसा मिक्स, अनाज इडली मिक्स और अन्य आम उत्पाद जैसे आम का अचार, टमाटर का अचार, मसाला पाउडर उत्पाद को तैयार कर रही है. इन सभी उत्पादों को वह अपने खुद के ब्रांड के नाम से बाजार में बेच रही हैं. महिला किसान रथनाममा गुंडमंतथा सालाना लगभग 1.18 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं.
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