अगर तकनीकों की बात करें, तो चीन, इजराइल के साथ कई अन्य देश अग्रणी देशों में गिने जाते हैं. वहीँ खेती के क्षेत्र में भी नई-नई तकनीकों के माध्यम से इजराइल तेज़ी से आगे बढ़ता नज़र आ रहा है.
इजराइल की इस नयी तकनीक और उससे हो रहे फ़ायदे को देखते हुए झारखंड सरकार ने अपने यहां के कुछ किसानों को ट्रेनिंग लेने के लिए इजराइल भेजा था.
इजराइल गए किसानों में देवघर जिला के पदनबोरा गांव के वकील यादव भी शामिल थे. वकील यादव को शुरू से ही खेती और अन्य कृषि कार्यों से बेहद लगाव है. प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने वहां सीखी गई तकनीकों का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए अपने यहां स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की. इसके साथ ही उन्होंने इस खेती से सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG) की महिला सखी मंडल को जोड़कर प्रशिक्षण देने का भी काम किया है. वकील यादव का मुख्य मकसद था कि जो उन्होंने सिखा है, उसका लाभ जमीनी स्तर पर अन्य लोगों को मिल सके.
इसके परिणाम स्वरुप ग्रुप के माध्यम से सभी महिलाएं मिलकर देवघर जिले के सभी प्रखंडों में लगभग 10 एकड़ जमीन में स्टोबेरी की खेती कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती पहली बार की है. ऐसे में अभी कितना लाभ होगा, इस बारे में उन्हें कोई खास अंदाजा नहीं है.
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महिलाओं का कहना है कि अगर इस फसल से अच्छा मुनाफा होता है, तो आने वाले दिनों में और अधिक मात्रा में इसकी खेती की जाएगी. वे बताती हैं कि अभी इसमें कृषि विभाग के अधिकारी और जेएसएलपीएस ओर से पौधे लेकर खेती के जरूरी उपक्रमों के लिए मदद कीया जा रही है. जैसा की आप जानते हैं कि मार्केट में स्ट्रॉबेरी की डिमांड अब पहले के मुकाबले बढ़ने लगी है. पौष्टिक रूप से धनी होने की वजह से इस फल को लोग खरीदना भी चाहते हैं.
यही वजह है कि इस फल की कीमत हमेशा ठीक-ठाक बनी रहती है. किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता रहता है. वहीँ, स्ट्रॉबेरी कि बात करें, तो यह एक बहुत ही नाजुक फल है. जिसका स्वाद हल्का खट्टा और मीठा होता है. रंग चटक लाल होता है. यह एक मात्र ऐसा फल है, जिसका बीज बाहर की ओर से होता है.
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