भारत खेती-किसानी में किसी से भी कम नहीं है. यहां के किसान भाई ही नहीं किसान महिलाएं (kisan mahila), बहने भी देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान दे रही हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक महिला की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आज के समय में खेती के साथ-साथ बिजनेस भी कर रही है और गांव के गरीब व बेसहारा लोगों की मदद के लिए ही हमेशा तैयार खड़ी रहती है.
बता दें कि यह महिला राजकुमारी देवी हैं, जो बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं. जिन्होंने समाज में बनाए हुए बंधनों को तोड़कर खेतों में काम करना शुरु किया. तो आइए इनकी संघर्ष से भरी कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं...
खेती के साथ अचार का बिजनेस
किसान चाची राजकुमारी देवी ने खेती के साथ बिजनेस भी किया. दरअसल, उन्होंने अपने खेत में उगाई हुई सब्जियां यानि कि आम, नींबू, कटहल से अचार बनाने का कार्य शुरू किया और इसे अपने स्थानीय बाजार में बेचने भी लगी. उनके हाथों का बना अचार सभी लोगों को बहुत ही स्वादिष्ट लगा और धीर-धीरे बाजार में इनके आचार की डिमांड दिन प्रतिदिन डबल होती गई.
कई महिलाओं को दिया रोजगार
जैसे-जैसे उनका बिजनेस फैलने लगा वैसे-वैसे किसान चाची ने जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देने का कार्य भी शुरू कर दिया. ताकि महिला आत्मनिर्भर बन सके. आज के समय में किसान चाची के साथ कई महिलाएं अचार बनाने से लेकर उन्हें बेचने तक का कार्य करती हैं. वह आज के समय में हजारों-लाखों की कमाई सरलता से कर रही हैं.
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पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है किसान चाची
भारत सरकार की तरफ से किसान चाची को पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. इनके हौसले को न तो समाज और न ही परिवार का विरोध तोड़ पाया. इन्होंने ने जो सोचा वह कर दिखाया. मिली जानकारी के मुताबिक, किसान चाची पहले अपने खेत पर परंपरागत तरीकों से खेती करती थीं. लेकिन उससे उन्हें कुछ खास मुनाफा प्राप्त नहीं हुआ. लेकिन बाद में उन्होंने वैज्ञानिक विधि से खेती करना शुरू किया और धीरे-धीरे एक अच्छी आय अर्जित होने लगी.
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