कहते हैं मन में अगर मेहनत करने की चाह हो, तो कोई भी आपको परास्त नहीं कर सकता है. कुछ ऐसा ही हिमाचल प्रदेश के नवीन शर्मा (Naveen Sharma, Himachal Pradesh) ने भी कर दिखाया है. यह जोगिंदर नगर (Joginder Nagar) के एहजू में पिछले एक साल से हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponics) कर रहे हैं और उन्हें हर महीने औसतन 50 से 60 हजार रुपये की आमदनी हो रही है. तो आइये जानते हैं नवीन शर्मा की अनोखी पहल और कहानी के बारे में.
कॉर्पोरेट की नौकरी से हाइड्रोपोनिक तक का सफर (Journey from Corporate Job to Hydroponic)
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), हमीरपुर से इंजीनियरिंग स्नातक 42 वर्षीय नवीन शर्मा ने कॉर्पोरेट क्षेत्र में उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़ दी थी. अब वो हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponics) करके न केवल 50-60 हजार रुपये प्रति माह कमा रहे हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा भी बने रहे हैं.
नवीन शर्मा 500 वर्गमीटर क्षेत्र में स्थापित हाइड्रोपोनिक पॉलीहाउस (Hydroponic polyhouse) के माध्यम से अच्छी कमाई कर रहे हैं. साथ ही इन्होंने युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान किया है. हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponic) पद्धति की खेती करने वाले नवीन शर्मा जोगिंदर नगर क्षेत्र के ऐसे पहले किसान हैं, जिन्होंने भविष्य की खेती की नींव भी रखी है.
हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponic) का काम शुरू करने से पहले नवीन शर्मा ने देश और विदेश के बाहर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में 15 साल काम किया और उन्हें अच्छा पैकेज भी मिल रहा था. लेकिन अब उन्होंने स्वरोजगार को आगे बढ़ने का जरिया बना लिया है और पिछले तीन-चार साल से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
पॉलीहाउस में उगने वाले फल व सब्जियां (Fruits and vegetables grown in polyhouse)
नवीन शर्मा पॉलीहाउस में नियमित अंतराल पर लेट्यूस, चेरी टमाटर, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, केल, धनिया, मिर्च, टमाटर आदि फसल तैयार कर रहे हैं. ये तैयार फसलें पालमपुर, कांगड़ा, धर्मशाला, मैक्लोडगंज आदि जगहों पर आसानी से बिक रही हैं और इनके अच्छे दाम उन्हें मिल रहे हैं.
बाज़ारों में मिलती है इन फसलों की अच्छी कीमत (Good price for these crops is available in the markets)
जहां लेट्यूस 400 से 450 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं चेरी टमाटर 300 से 350 रुपये बिक रही है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च और धनिया आदि के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं. नवीन शर्मा का कहना है कि "हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponic) की एक ऐसी आधुनिक तकनीक है, जिसमें पानी का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही हाइड्रोपोनिक्स पारंपरिक खेती की तुलना में 90 प्रतिशत तक पानी की बचत भी करता है".
पॉलीहाउस के लिए अनुदान (Schemes for polyhouse)
नवीन शर्मा का कहना है कि "सरकार ने पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 85 प्रतिशत की दर से 5.18 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की है, जबकि हाइड्रोपोनिक्स सेटअप (Hydroponic Setup) के लिए 3 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई है. हाइड्रोपोनिक सेटअप पर कुल 10 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. इसके अलावा पॉलीहाउस की सोलर फेंसिंग के लिए सरकार ने 80 प्रतिशत की दर से 1.35 लाख रुपये का अनुदान भी दिया है".
युवाओं को मिलेगा हाइड्रोपोनिक का लाभ (Youth will get the benefit of hydroponic)
साथ ही नवीन शर्मा ने युवाओं से हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponic) करने के लिए आगे आने का भी आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि "इसके लिए वे युवाओं को प्रशिक्षण देने को तैयार हैं. बड़े पैमाने पर हाइड्रोपोनिक्स की खेती न केवल बाजार की मांग को आसानी से पूरा कर सकती है, बल्कि चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई आदि जैसे बड़े शहरों तक अपनी पहुंच बनाने में उन्हें अच्छी कीमत भी दिलाएगी".
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