यह कहानी एक ऐसे किसान की है जिनकी सफल कहानी युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसा उदाहरण है जो कई लोगों को रोजगार की तलाश में भटकने के लिए मजबूर नहीं करेगी। वास्तव में गुजरात के बांसकाठा जिले के किसान खेताजी सोलंकी ने खरबूज की खेती से लाखों की कमाई कर सफलता की नई कहानी लिखी है।
इस बीच उनकी किसानी के मुरीद प्रदेश स्तर पर बागवानी विभाग के अधिकारी भी हैं,जो आज जोर-शोर से उनकी कहानी को अन्य किसानों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
रकबा-
चार एकड़ की खेती से गुजरात का यह किसान परंपरागत खेती में कुछ आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए आज अधिक उत्पादन हासिल कर रहा है। जिसके चलते वह आमदनी को बढ़ाने में सक्षम हुए और इस बात को गलत साबित कर दिया कि खेती एक घाटे का सौदा है।
उत्पादन-
सबसे अलग बात है जब किसान की आय दोगुनी करने की बात की जा रही है तो बागवानी फसलों की बात आती है, जिसे खेताजी ने बिल्कुल सही साबित किया है। उन्होंने 70 दिन के अंतराल की फसल की 4 एकड़ खेती करते हुए 140 टन खरबूज उत्पादन हासिल किया। जिसे उन्होंने कश्मीर, राजस्थान और गुजरात में बेचा। इस दौरान उन्हें 20 लाख रुपए से अधिक की आमदनी हुई।
तकनीक-
सोलंकी खेती में सिंचाई की ड्रिप इरीगेशन पद्धति का इस्तेमाल करते हैं। इसके अतिरिक्त वह मल्चिंग की पद्धति भी अपनाते हैं। इस दौरान वह खेती में लागत कम करते हैं। यदि बात उर्वरक की करें तो वाटर साल्युबल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं। मल्चिंग के लिए उन्हें राज्य सरकार से अनुदान के रूप में सहायता भी मिली।
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