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मिश्रित खेती कर लाभ कमाते हैं मिश्रा

इस बात से नकारना किसी गुनाह से कम नही होगा कि कई बार परिस्थतियॉ मानव को मजबूर कर देती हैं फिर वहीं से होती है जीवन के संघर्ष की शुरूआत, जिसमें साहसी कदम ही आगे बढ़कर जीत का जश्न मना पाते हैं या फिर रास्ते भटककर जीवन में हार मान लेते हैं ऐसे ही दास्तांन बिहार के जिला अररिया स्थिति ठेकपुरा गॉव के रहवासी प्रमोद कुमार मिश्रा जी है। मिश्रा जी का जन्म किसान परिवार में हुआ था परन्तु लगातार हानि दर हानि से वारिवारिक स्थिति मालीहालत होती जा रही थी, किसी प्रकार से मिश्रा जी ने 7वीं तक की पढ़ाई पूरी कर सके लेकिन स्थिति की वजह से आगे शिक्षा जारी नहीं रख सके।

इस बात से नकारना किसी गुनाह से कम नही होगा कि कई बार परिस्थतियॉ मानव को मजबूर कर देती हैं फिर वहीं से होती है जीवन के संघर्ष की शुरूआत, जिसमें साहसी कदम ही आगे बढ़कर जीत का जश्न मना पाते हैं या फिर रास्ते भटककर जीवन में हार मान लेते हैं ऐसे ही दास्तांन बिहार के जिला अररिया स्थिति ठेकपुरा गॉव के रहवासी प्रमोद कुमार मिश्रा जी है। मिश्रा जी का जन्म  किसान परिवार में हुआ था परन्तु लगातार हानि दर हानि से वारिवारिक स्थिति मालीहालत होती जा रही थी, किसी प्रकार से मिश्रा जी ने 7वीं तक की पढ़ाई पूरी कर सके लेकिन स्थिति की वजह से आगे शिक्षा जारी नहीं रख सके। 

अपनी शिक्षा जारी न रख पाने का मलाल मन से मिटा नहीं था कि विवाह के बंधन में भी बध गए, फिर सिर पे सवार हुई पारिवारिक जिम्मेदारी, मिश्रा जी बताते हैं कि परिवार की जरूरतों को पूरा करने और बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए कोई पूंजी की व्यवस्था थी नही, साथ ही कृषि भूमि भी पर्याप्त न होने के कारण खेती करना एक चुनौती से कम नही था, फिर भी एक एकड़ में विभिन्न फसलों की खेती करना शुरू करने का साहस किया लेकिन जानकारी के अभाव में जिन समस्याओं का सामना तो स्वाभाविक था। तो इन समस्याओं के निदान के लिए किसी कृषि सलाहकार का दस्तक देना जरूरी था जिसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र अररिया  में दस्दक देने में तनिक भी देरी नही की, जहॉ वैज्ञानिकों से मिला तो थोड़ा मन का बोझ हल्का हो गया और वहीं सफलता की राह आसान दिखाई देने लगी और मन में दबे साहस की शक्ति उभर कर बाहर आ गई साथ ही एक संतोष की भावना को भी मन में स्थान देने में तनिक भी हिचकिचाहट नही हुई।

साथ ही मिश्रा जी ने बताया कि समय -समय पर वैज्ञानिकों का सहयोग से जानकारी के साथ प्रोत्साहन भी मिला, जिससे आम और ऑवला के बगीचे में ही आलू ,फूलगोभी, मटर, करेला, आदि सब्जियों का उत्पादन साथ ही बगीचे से चारो तरफ औषधीय पौधा साताबर , लेमन ग्रास लगाकर व अन्य फसलें लगाकर फसलों की देखरेख में कोई कसर नही छोड़ी, चंद समय में ही अच्छी आय प्राप्त होने लगी और जहॉ पहले प्रमोद के पास एक एकड़ भूमि थी वहीं अब चार ऐकड़ और खरीद कर पॉच ऐकड़ कर लिया, और उस खेत में भी कृषि का कार्य संचालित करने के साथ ही मकान भी बनवा लिया जो की जीवन का सपना था। सबसे बड़ी बात मिश्रा अभी भी इस अन्तर्वर्ती खेती कर लाभ कमा रहे हैं अपनी सफलता के कारण मिश्रा गॉव समाज के किसानों के लिए मार्गदशक के रूप में इच्छुक किसानों को जानकारी देकर अन्तर्वती कृषि कार्य के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे है।

English Summary: Mishra earns mixed tax benefits Published on: 26 August 2017, 05:28 AM IST

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