राजस्थान: राजस्थान के नागौर के रहने वाले रामेश्वर सैनी ने अपने रेत की मिट्टी में आम की खेती कर आज लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है. नागौर एस ऐसा जिला है जहां हर प्रकार की मृदा यहां अलग-अलग हिस्सों में पाई जाती है. इनमें रामेश्वर सैनी के खेत में रेतीली मिट्टी पाई जाती है और जहां पर आम की खेती करना बिल्कुल ही संभव नहीं था. रामेश्वर ने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर अपनी मिट्टी की जांच कराई और फिर नई तकनीक की मदद से आम की खेती शुरु की.
रामेश्वर सैनी ने बताया कि वह आम की खेती के लिए पुष्कर गए थे और वहां पर मौजूद नर्सरी से उन्होंने अपने घर और ऑफिस के लिए पौधे ले रहे थे, इस दौरान नर्सरी के मालिक ने केसर किस्म के आम के पौधे के बारे में बताया और कहा कि इस आम की किस्म को किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है और इसे किसी खास देखभाल की जरुरत नहीं होती है.
रामेश्वर ने बताया कि इस आम के पौधे को लगाने के लिए उन्होंने पूरी तरह से देशी तरीका अपनाया और गोबर की खाद और नहर के पानी से समय-समय पर खेत की सिंचाई करते रहते थे. तीन से चार साल तक की मेहनत के बाद इस रेतीली मिट्टी पर आम का यह पेड़ पूरी तरह से तैयार हो गया.
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सैनी ने बताया कि उन्होंने इसकी खेती के लिए जिले के कृषि विभाग से लगातार संपर्क किया और आम की खेती में सफलता हासिल की. अब उनका इरादा नागौर में बड़े स्तर पर आम की खेती करने का है. इस सफलता के मॉडल से सैनी की आय काफी ज्यादा बढ़ गई है. अब वह गांव के किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें खेती की नई तकनीकों के बारे में निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ उनकी पैदावार भी अच्छी हो सके.
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