भारत में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय मुनाफे का साबित हो रहा है. इसका ताजा उदहारण मधुमक्खी पालक नरेंद्र मालव है, जो इस व्यवसाय में माहिर हैं. अपने काम के लिए सम्मान और सराहना के अलावा, वह हर साल इस व्यवसाय से लाखों का मुनाफा कमाते हैं.
नरेंद्र मालव मधुमक्खी पालन व्यवसाय में मात्र 10 हजार रुपये निवेश कर आज के वक्त में सलाना 25 लाख रुपये कमा रहे हैं. इसी के साथ वो एक सफल किसान बन गए हैं और दूसरे किसानों को भी इस व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
साल 2004 में शुरू किया बिजनेस
राजस्थान के कोटा के रहने वाले नरेंद्र मालव एक छोटे किसान थे, जिन्होंने 2004 में मधुमक्खी पालन शुरू किया था. इसके लिए मालव ने कृषि विज्ञान केंद्र कोटा से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया और इसकी शुरुआत करने की ठानी. अपना मधुमक्खी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए मालव ने सिर्फ 10,000 रुपये का निवेश किया.
शहद से ज्यादा मधुमक्खी बेचकर कमाते हैं मालव
आज के वक्त में नरेंद्र मालव शहद के अलावा मधुमक्खियां भी बेचते हैं. उनका दावा है कि शहद बेचने से ज्यादा उन्हें मधुमक्खियां बेचकर ज्यादा फायदा होता है. नरेंद्र मालव और उनके भाई महेंद्र मालव दोनों अब मधुमक्खी पालक हैं और साल में बड़ी रकम कमाते हैं. कोटा में मधुमक्खी पालन का सीजन 8 महीने तक रहता है क्योंकि वहां सरसों और धनिया की फसल उगती है.
25 लाख रुपये सालाना आय
किसान नरेंद्र मालव ने दावा किया कि उनकी सालाना मधुमक्खी पालन आय 25 लाख रुपये तक पहुंच गई है. इसके अलावा उन्होंने सात से आठ कर्मचारियों को काम पर रखा है. मालव ने बताया कि मधुमक्खी के बक्सों को खेतों में रखकर मधुमक्खी कालोनियों का निर्माण किया जाता है. वर्तमान में मालव के पास मधुमक्खियों की 1300 कॉलोनियां हैं. एक कॉलोनी साल में 7 से 8 बार करने के बाद हर साल 25 से 30 किलो शहद का उत्पादन करती है.
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